दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडमिक काउंसिल (एसी) और कार्यकारी परिषद (ईसी) का नए सिरे से गठन किया जाएगा. इसके लिए फरवरी के दूसरे सप्ताह में चुनाव हो सकते हैं. चुनावों के मद्देनजर शिक्षक संगठनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों को तय करने के लिए मीटिंग का दौर शुरू कर दिया है.
पिछले एक दशक से डीयू के विभागों व कॉलेजों में स्थायी नियुक्तियां व शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी 5 दिसम्बर 2019 के सकरुर को लागू नहीं करना एक मुद्दा है. इसके अतिरिक्त 28 अगस्त 2019 को तदर्थ पदों को गेस्ट टीचर्स में तब्दील करने से शिक्षकों में रोष व्याप्त है.
डीयू विभागों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन कुछ कॉलेजों ने अभी तक स्थायी नियुक्ति करने के लिए स्क्रीनिंग तक नहीं की है. पिछले कई साल से प्रिंसिपल व लाइब्रेरियन के पदों पर स्थायी नियुक्तियां न होने से डीयू में नाराजगी है.
ऐसे में डीयू एकेडमिक काउंसिल (एसी) और कार्यकारी परिषद (ईसी) के चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
इसी कड़ी में शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने रविवार को डीयू के नार्थ कैम्पस की आर्ट्स फैकल्टी में एक मीटिंग की. मीटिंग की अध्यक्षता सीनियर प्रोफेसर व डीटीए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय ने की.
इस अवसर पर डीटीए की अध्यक्ष डॉ आशा रानी, सचिव डॉ. मनोज कुमार सिंह व संगठन मंत्री डॉ. राजेश राव भी उपस्थित रहे.
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी व पूर्व एकेडेमिक काउंसिल मेम्बर प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बैठक में यह प्रस्ताव रखा कि इस बार एकेडमिक काउंसिल यानी एसी के साथ-साथ कार्यकारी परिषद (ईसी) के चुनाव में भी अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए.
ऐसा इसलिए ताकि शिक्षकों के बीच यह संदेश दिया जा सके कि राष्ट्रीय पार्टियों के शिक्षकों से हटकर तीसरे मोर्चे के रूप में उम्मीदवार खड़ा किया गया है.
डीटीए डॉ. मनोज कुमार सिंह ने कहा, हमें ईस्ट कैम्पस व वेस्ट कैम्पस बनवाने की मांग को अपने एजेंडे में रखना चाहिए और इन क्षेत्रों में डीटीए का कार्यालय खोला जाए ताकि शिक्षकों को जोड़ा जा सके.
मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि विद्वत परिषद व कार्यकारी परिषद के चुनाव को लेकर बुलाई गई रविवार की मीटिंग में कई शिक्षकों के नामों पर गम्भीरता से विचार किया गया.
इन नामों में सबसे ज्यादा चर्चा देशबंधु कॉलेज, आर्यभट्ट कॉलेज, शहीद भगतसिंह कॉलेज, भारती कॉलेज, श्यामलाल कॉलेज व शिवाजी कॉलेज में पढ़ा रहे शिक्षकों के नाम सामने आए है.
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