तमिलनाडु में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) देने की इच्छा रखने वाला एक 19 साल का छात्र अपने अरियालुर जिले स्थित घर में मृत पाया गया. स्थानीय पुलिस का कहना है कि छात्र की मौत सुसाइड की वजह से हुई है. चेन्नई से करीब 300 किलोमीटर दूर एक गांव में छात्र का शव उसके घर के कुंए में 9 सितंबर को पाया गया.
ये खबर ऐसे समय में आई है जब देशभर में कई राज्य केंद्र सरकार इस NEET एग्जाम को कोरोना वायरस महामारी के खत्म होने तक स्थगित करने की मांग कर रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक, विग्नेश नाम का ये छात्र पहले भी दो बार एग्जाम दे चुका है.
अरियालुर के एसपी वीआर श्रीनिवासन ने NDTV से कहा, “छात्र ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है. उसके माता-पिता का कहना है कि वो परेशान दिख रहा था, हम जांच कर रहे हैं कि किन वजहों से उसने ये कदम उठाया. अपनी पिछली कोशिशों में वो NEET पास नहीं कर पाया था.”
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य में विपक्षी पार्टी DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार की आलोचना की. स्टालिन ने कहा, "निर्दयी केंद्र सरकार कब NEET रोकेगी. हम और कितनी जानें खोएं?"
PMK लीडर एस रामदौस ने कहा, "केंद्र सरकार कहती आई है कि NEET मेडिकल शिक्षा का स्टैंडर्ड बढ़ाएगी और कमर्शियलाइजेशन को रोकेगी. अगर ये सच है कि मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ रही है, तो NEET में विग्नेश से कम स्कोर करने वालों को पैसे के दम पर निजी मेडिकल कॉलेज जॉइन नहीं करने दिया जाता."
इस बीच अरियालुर में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया.
कई गैर-बीजेपी शासित राज्य केंद्र सरकार से कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से NEET को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों की इस संबंध में याचिका खारिज कर दी थी.
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