विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 23 स्वघोषित, फर्जी और गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की एक सूची जारी की है. उच्च शिक्षा नियामक ने स्टूडेंट्स को इन संस्थानों में एडमिशन ना लेने के लिए आगाह किया है.
इस मामले पर यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने बताया, ‘’स्टूडेंट्स और लोगों को सूचित किया जाता है कि मौजूदा समय में देश के कई हिस्सों में यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन कर 23 स्वघोषित और गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान चल रहे हैं.’’
इन विश्वविद्यालयों में से 8 उत्तर प्रदेश में और 7 दिल्ली में हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2-2, जबकि केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पुडुचेरी में 1-1 ऐसे विश्वविद्यालय हैं. अंग्रेजी अखबार द हिंदू के मुताबिक, इन 23 विश्वविद्यालयों में से 14 विश्वविद्यालय यूजीसी की 2005-06 की फर्जी विश्वविद्यालयों की लिस्ट में शामिल थे.
उत्तर प्रदेश में ये हैं गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय
- वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी
- गांधी हिंदी विद्यापीठ, वाराणसी
- महिला ग्राम विद्यापीठ/ विश्वविद्यालय, प्रयागराज
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
- उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, मथुरा
- महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़
- इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, नोएडा
दिल्ली के ये विश्वविद्यालय फर्जी घोषित
- कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड
- यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी
- वोकेशनल यूनिवर्सिटी
- एडीआर सेंट्रिक जूरिडिकल यूनिवर्सिटी
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग
- आध्यात्मिक विश्वविद्याल
- विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ-एंप्लॉयमेंट
फर्जी विश्वविद्यालयों की लिस्ट में ये भी शामिल
- बदगनवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, कर्नाटक
- सेंट जोन्स यूनिवर्सिटी, केरल
- राजा अरबी विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र
- श्री बोधी अकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, पुडुचेरी
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव मेडिसन, पश्चिम बंगाल
- इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसन एंड रिसर्च, पश्चिम बंगाल
- नव भारत शिक्षा परिषद, ओडिशा
- नॉर्थ ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, ओडिशा
रजनीश जैन ने बताया कि भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ के मामले पर अभी फैसला आना बाकी है.
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