जी-20 बैठक में शामिल सदस्यों ने एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में युद्धग्रस्त देश में मानवीय तबाही को रोकने के लिए अफगानिस्तान के लोगों को सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया है।
टोलो न्यूज की हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
शिखर सम्मेलन की मेजबानी मंगलवार को इटली ने की थी। शिखर सम्मेलन के कुछ सदस्यों ने उद्धृत किया कि सहायता के प्रावधान तालिबान सरकार की मान्यता का संकेत नहीं देते हैं।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि उनका देश तालिबान को मान्यता देने को तैयार नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके अनुसार, तालिबान अंतरराष्ट्रीय उपायों और दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है।
अमेरिका ने कहा कि वह अफगानिस्तान के लोगों को सहायता संगठनों के जरिए चंदा मुहैया कराएगा।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान में आईएसआईएस-के या तथाकथित दाएश समूह जैसे सशस्त्र समूहों की उपस्थिति पर भी चिंता व्यक्त की।
यूरोपीय संघ ने देश को मानवीय दान के समर्थन में 10 लाख यूरो प्रदान करने का वचन दिया।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने मानवाधिकारों, विशेष रूप से लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण पर जोर दिया है।
शिखर सम्मेलन में चीन और रूस के राष्ट्रपतियों ने भाग नहीं लिया।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र और मानवीय संगठनों ने अफगानिस्तान में एक गंभीर मानवीय संकट को लेकर चेताया था।
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