नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)| गुजरात दंगे में मारे गए कांग्रेस नेता अहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने एसआईटी की तरफ से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीनचिट दिए जाने को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसपर सर्वोच्च न्यायालय 19 नवंबर को सुनवाई करेगा।
अहसान जाफरी को वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी पर हमला कर भीड़ ने मार डाला था। जाफरी पूर्व सांसद थे।
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि वे जकिया की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेंगे।
जाफरी ने गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें एसआईटी की रपट को चुनौती देने वाली जाफरी की याचिका को दंडाधिकारी की अदालत द्वारा खारिज किए जाने को बरकरार रखा गया था। एसआईटी की रपट में शीर्ष राजनेताओं और राज्य सरकार को कथित घोर साजिश के लिए क्लीनचिट दे दी गई थी।
जाफरी की याचिका में कहा गया है कि एसआईटी का गठन सर्वोच्च न्यायालय ने किया था और उसने यह निष्कर्ष निकाला कि इसमें कोई मामला नहीं बनता है और उसे दंडाधिकारी की अदालत ने स्वीकार कर लिया और उस निष्कर्ष को उच्च न्यायालय ने भी गलती से स्वीकार कर लिया।
याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने दंडाधिकारी की अदालत के आदेश के साथ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जबकि सभी आरोपियों के खिलाफ ढेर सारे सबूत और दस्तावेज मौजूद थे, जो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के लिए पर्याप्त थे।
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