भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई और जवानों के शहीद होने की खबर सामने आ रही है. न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस हिंसक झड़प में कम से कम 20 जवान शहीद हो हुए हैं. हालांकि सरकार की तरफ से अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की, जिसकी वजह से झड़प हुई और और दोनों देशों को नुकसान हुआ. MEA ने कहा, "भारत की सभी गतिविधि LAC पर भारतीय तरफ होती है और हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं."
हम सीमा के इलाकों पर शांति बनाए रखने की जरूरत और विवाद को बातचीत से सुलझाने के बारे में समझते हैं. साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भी प्रतिबद्ध है.विदेश मंत्रालय
इस बीच सूत्रों के मुताबिक, बीजिंग में भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री और चीन के उप विदेश मंत्री की मुलाकात हुई है.
चीन की तरफ से क्या कहा गया है?
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स से चीनी मिलिट्री के एक प्रवक्ता ने कहा है कि भारतीय सेना ने अपना वादा तोड़ा और फिर से गलवान घाटी इलाके में LAC को पार किया है.
चीन की आर्मी के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता झांग शुइली ने 16 जून को ग्लोबल टाइम्स से कहा, "15 जून की शाम भारतीय सेना ने LAC पार की और जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए, जिसकी वजह से गंभीर झड़प और मौतें हुई हैं."
गलवान घाटी इलाके पर चीन की हमेशा से संप्रभुता रही है और भारतीय सेना अपने शब्दों पर कायम नहीं रही. भारतीय सेना ने दोनों देशों के बीच हुए एग्रीमेंट और कमांडर-स्तर की बातचीत के दौरान बनी आम सहमति का उल्लंघन किया और दोनों देशों के लोगों की भावनाएं और मिलिट्री के रिश्ते को ठेस पहुंचाईझांग शुइली, चीन की आर्मी के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता
झांग शुइली ने कहा कि भारत को उकसाने वाली हरकतें बंद करनी चाहिए, चीन से आधे रास्ते में मिले और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने के सही रास्ते पर आना चाहिए.
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