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सड़क हादसे की खबरों के बीच ये 10 आंकड़े आपको हैरान कर सकते हैं

4 नेशनल लेवल के खिलाड़ियों को देश ने खो दिया, ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के ये आंकड़े बताते हैं कि कितने खराब है हालात

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भारत
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रविवार को दिल्ली-पानीपत हाईवे पर सड़क हादसे में देश ने 5 पावर लिफ्टिंग खिलाड़ियों को खो दिया. कार में सवार 6 खिलाड़ी दिल्ली से पानीपत की तरफ जा रहे थे. घने कोहरे की वजह से कार का बैलेंस बिगड़ गया. कार पहले डिवाइडर से टकराई, उसके बाद खम्भे से. ये टक्कर इतनी तेज थी कि 4 खिलाड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई. वेटलिफ्टर सक्षम यादव ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. वहीं एक की हालत नाजुक बताई जा रही है.

देश को सड़क हादसे में कितने जान-माल का नुकसान हो रहे है. इसी से जुड़ी एक रिपोर्ट सितंबर, 2017 में जारी की गई थी. ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री की रिपोर्ट बेहद डराने वाली है. इस रिपोर्ट में साल 2016 में हुए रोड हादसों का पूरा विश्लेषण है.

आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में छपी कुछ और खास आंकड़ें:

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1. हर घंटे 17 लोगों की जान गई

  • साल 2016 में हर रोज औसतन 1317 रोड एक्सीडेंट हुए और इनमें 413 लोगों की जान चली गई.
  • हर घंटे 55 एक्सीडेंट और 17 लोगों की जान गई है.
  • 2016 में 2015 के मुकाबले रोड एक्सीडेंट्स में 4.1 फीसदी की कमी आई
  • 2016 में 2015 के मुकाबले हुई मौतों में 3.2 फीसदी की बढोतरी देखी गई

2. युवाओं के साथ हुए सबसे ज्यादा हादसे

साल 2016 में रोड हादसे में सबसे ज्यादा 18-35 आयु वर्ग के लोगों की मौत हुई. कुल मृतकों में से 46.3 फीसदी यानी 69,851 लोग इसी आयु वर्ग के थे.

3. एक 'पॉजिटिव ट्रेंड' भी दिखा

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर हर 1 लाख की आबादी पर औसत एक्सीडेंट्स का औसत निकाले, तो साल 2010 के मुकाबले 2016 में एक्सीडेंट्स में कमी आई है. साल 2010 में हर साल जहां एक लाख लोगों पर 42 एक्सीडेंट्स होते थे वहीं ये आंकड़ा 2016 में करीब 38 फीसदी का है.

4. नेशनल हाईवे पर ज्यादा हादसे

एक और बात हैरान कर देने वाली है कि नेशनल हाईवे जो कुल रोड नेटवर्क का महज 2 फीसदी हैं वहां कुल 29.9 फीसदी रोड हादसे हुए हैं. वहीं कुल मरने वालों में से 34.5% लोग इन्हीं हादसों के शिकार हुए हैं.

5. गड्ढों और स्पीड ब्रेकर ने भी ली जान

साल 2016 में गड्ढ़ों की वजह से 6,424 रोड एक्सीडेंट हुए और 2,324 जानें गईं. वहीं स्पीड ब्रेकर की वजह से 9,583 रोड एक्सीडेंट हुए और 3,396 जानें गईं

6. टू-व्हीलर्स से संभल कर निकले

साल 2016 में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट्स टू-व्हीलर्स यानी बाइक, स्कूटर, स्कूटी सवार लोगों के हुए हैं. कुल हादसों का ये 33.8 फीसदी है. इससे 52,500 लोगों की जान चली गई. इनमें से 10.135 ने हेलमेट नहीं पहन रखी थी.

खास बात ये भी है कि साल 2016 में ज्यादातर रोड एक्सीडेंट दोपहर में ही हुए हैं. रिपोर्ट बताती है कि कुल 480,652 एक्सीडेंट में से 85,834 यानी 35 फीसदी दोपहर 3 बजे से लेकर 6 बजे के बीच हुए .  
4 नेशनल लेवल के खिलाड़ियों को देश ने खो दिया, ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के ये आंकड़े बताते हैं कि कितने खराब है हालात
(इंफोग्राफिक्स: इंडिया स्पेंड)
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7. शराब-ड्रग्स 'नशे' में गाड़ी चलाना महंगा पड़ा

शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाने के चक्कर में 14,894 रोड एक्सीडेंट हुए जिनमें 6,131 की मौत हो गई.

8. मोबाइल का नशा भी बुरा है

मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर गाड़ी चलाते वक्त कुल 4,976 हादसे हुए जिनमें 2,138 लोगों की मौत हो गई.

9. हिट एंड रन केस

साल 2016 में हिट एंड रन के 55942 मामले सामने आए जो 2015 के मुकाबले थोड़े कम हैं, इन मामलों 22962 लोगों की जान चली गई

10. किन राज्यों में सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट ?

बता दें कि कुल 13 राज्य में ही 86 फीसदी रोड एक्सीडेंट हुए हैं जिनमें कुल मरने वालों में से 84 फीसदी लोग हैं.

  • हादसों के मामले में तमिलनाडु पहले नंबर पर है, इसके बाद मध्य प्रदेश और कर्नाटक आते हैं.
  • रोड एक्सीडेंट में मरने वालों में उत्तर प्रदेश का पहला नबंर है दूसरेपर तमिलनाडु और तीसरे पर महाराष्ट्र है

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