दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय यूनिवर्सिटीज का हालिया प्रदर्शन अच्छा रहा है. टॉप 100 टाइम्स हायर एजुकेशंस (THE) इमर्जिंग इकनॉमीज यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 में 11 भारतीय यूनिवर्सिटी ने जगह बनाई है. ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
18 फरवरी को लंदन में जारी विश्लेषण के मुताबिक टॉप 100 लिस्ट में कुल 47 देशों और टेरिटरी में से सिर्फ चीन के पास ही भारत से ज्यादा यूनिवर्सिटी हैं.
दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में कुल 533 यूनिवर्सिटी की फुल रैंकिंग में कुल 56 भारतीय यूनिवर्सिटी हैं. 16वें स्थान पर काबिज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) भारत की टॉप रैंकिंग वाली संस्था है. इसके बाद आईआईटी का स्थान है.
‘भारतीय उच्च शिक्षा के लिए एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है’
THE के चीफ नॉलेज ऑफिसर फिल बैटी कहती हैं, "विश्व रैंकिंग में भारतीय यूनिवर्सिटीज की कामयाबी के बारे में लंबे समय से बहस चल रही है और लंबे समय से उन्हें वैश्विक स्तर पर कमजोर प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है."
“इमर्जिंग इकनॉमीज यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2020 बताती है कि हमारी मजबूत कार्यप्रणाली में कई संस्थानों द्वारा कई तरह की वास्तविक प्रगति की जा रही है, और ये भारतीय उच्च शिक्षा के लिए एक रोमांचक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है.-फिल बैटी, चीफ नॉलेज ऑफिसर, THE
इन संस्थानों ने टॉप 100 में जगह बनाई
भारत सरकार की इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस स्कीम 2017 में शुरू की गई थी और इसके एक प्रतिभागी यूनिवर्सिटी, अमृता विश्व विद्यापीठम ने 2019 में 141वें रैंक से 51 रैंक्स की बड़ी छलांग लगाते हुए पहली बार टॉप 100 में जगह बनाई है. THE के मुताबिक अमृता यूनिवर्सिटी ने 2019 की तुलना में रैंकिंग मेट्रिक्स के लगभग सभी क्षेत्रों में सुधार किया है.
इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस स्कीमे के तहत शामिल किए गए अन्य यूनिवर्सिटीज ने भी सबसे ज्यादा सुधारों के साथ टॉप 100 में जगह बनाई है. इनमें IIT खड़गपुर 23 रैंक ऊपर उठकर 32वें रैंक पर, IIT दिल्ली 28 रैंक ऊपर उठकर संयुक्त रूप से 38वें रैंक पर और IIT मद्रास 12 रैंक ऊपर उठाकर संयुक्त रूप से 63वे रैंक पर है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रोपड़, और इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी ने पहली बार टॉप 100 रैंकिंग में जगह बनाई है.
इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस स्कीम टाइम्स हायर एजुकेशन की वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग सहित टॉप 100 वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जाने के उद्देश्य से भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों को सरकारी पैसे और ज्यादा स्वायत्तता देती है.
उम्मीद यह है कि विदेशी छात्रों और स्टाफ में बढ़ोतरी, ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की पेशकश और दुनिया भर के अन्य शीर्ष यूनिवर्सिटीज के साथ अकादमिक सहयोग को प्रोत्साहित करने समेत कई बदलावों के जरिए हासिल किया जाएगा.
साल 2014 से शुरू हुई इस रैंकिंग में इस साल केवल दूसरी बार ऐसा हुआ है जब 11 भारतीय संस्थानों ने टॉप 100 रैंकिंग पर कब्जा किया है. 2014 में विश्व स्तर पर बहुत कम यूनिवर्सिटीज ने रैंकिंग में हिस्सा लिया था.
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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