पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली ने 26/11 केस में मुंबई की अदालत के सामने कई और सनसनीखेज खुलासे किए हैं. हेडली ने कोर्ट में कबूला कि उसने लश्कर-ए-तैयबा से कभी रुपए नहीं लिए, बल्कि इस आतंकी संगठन को 60-70 लाख रुपए दिए.
मुंबई हमलों में जिरह के दौरान हेडली ने कहा कि वह पंजाबी बोलना जानता है. हेडली ने कहा कि उसने लाहौर में रहते हुए अपने आसपास के लोगों से यह भाषा सीखी थी.
‘राणा जानता था, लश्कर से है मेरा रिश्ता’
डेविड कोलमैन हेडली ने बुधवार को कहा कि शिकागो में आव्रजन कारोबार चलाने वाला उसका साथी और पाकिस्तानी नागरिक तहव्वुर राणा जानता था कि वह लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है. साल 2008 के आतंकी हमले के कथित मुख्य साजिशकर्ता अबू जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान ने मुंबई सत्र न्यायाधीश जी.ए. सनप की अदालत में बुधवार सुबह अमेरिका में वीडियो लिंक के जरिए हेडली से जिरह की.
अब्दुल वहाब खान ने जब हेडली से राणा के बारे में पूछा तो उसने कहा,
राणा लश्कर के साथ मेरे संबंध के बारे में जानता था. मैंने उसे लश्कर के सदस्यों को मेरे द्वारा दिए जाने वाली ट्रेनिंग के बारे में बताया था. मैंने राणा को बताया था कि मैं लश्कर के लिए जासूसी कर रहा हूं. यह मुंबई हमलों से चार या पांच महीने पहले की बात है.
26/11 के हमले के मामले में सरकारी गवाह बने 55 वर्षीय आतंकी ने कहा कि राणा ने लश्कर के साथ उसके संबंध पर आपत्ति जताई थी. उसने कहा,
राणा ने लश्कर के साथ मेरे संबंध को लेकर आपत्ति जताई थी. वह नहीं चाहता था कि मैं मुंबई में उसके ऑफिस का इस्तेमाल करना जारी रखूं. उसकी आपत्तियों के मद्देनजर मैंने ऑफिस बंद करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए थे. यह जुलाई 2008 की बात है.डेविड कोलमैन हेडली
गौरतलब है कि इससे पहले हेडली ने 13 फरवरी को अमेरिका से एक वीडियो लिंक के जरिए मुंबई सत्र अदालत के सामने गवाही दी थी, जो एक सप्ताह तक चली थी.
-इनपुट भाषा से
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