पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक के अकाउंट होल्डर 80 साल के मुरलीधर दर्रा की शुक्रवार दोपहर को हार्ट अटैक आने से मौत हो गई. वे मुंबई मे ऐसे चौथे पीएमसी अकाउंट होल्डर हैं, जिनकी 15 अक्टूबर को पीएमसी घोटाले के खुलासे के बाद मौत हो चुकी है.
मुरलीधर के बेटे प्रेम दर्रा के मुताबिक, उनके पिताजी अपनी बॉयपास सर्जरी के लिए पैसे इकट्ठे नहीं कर पाए, इसलिए उनकी मौत हुई. जबकि उनके पीएमसी बैंक के अलग-अलग खातों में 80 लाख रुपये जमा थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुरलीधर एक रिफ्यूजी के तौर पर पाकिस्तान के सिंध से 1947 में मुंबई आए थे. अब उनके बेटे प्रेम परिवार में इकलौते कमाऊ सदस्य बचे हैं. प्रेम ने बताया कि 11 अक्टूबर को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया.
डॉक्टरों ने कहा कि उनकी बॉयपास सर्जरी करनी पड़ेगी. मैं अपनी बहन के साथ बैंक पहुंचा और अधिकारियों से बात की. उन्होंने हमें भरोसा दिलाया कि वे हमारा आवेदन आरबीआई को पहुंचा देंगे. लेकिन वे इस बात की गारंटी नहीं दे पाएंगे कि कितने वक्त में और कितना पैसा मिल पाएगा.प्रेम दर्रा, मुरलीधर दर्रा के बेटे
प्रेम ने बताया कि उन्होंने अपने पिता से कहा कि उनके इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. इससे उनकी मौत हो गई. इससे पहले उन्होंने अपने सभी करीबियों से मदद की मांग की थी.
उनसे ऐसा कहने के पहले मैंने अपने सभी दोस्तों, पड़ोसियों और जिसे भी मैं जानता था, उनसे उधार देने की मांग की. सभी का पीएमसी बैंक में अकाउंट था. कोई मदद नहीं कर पाया.
प्रेम ने अपने पिता की मौत का जिम्मेदार पीएमसी बैंक को ठहराया है. उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे पिता की मौत के लिए पीएमसी बैंक जिम्मेदार है. उन्होंने हमारी मेहनत से कमाए पैसे को हड़पने के लिए साजिश रची.’
मुरलीधर, फत्तोमल पंजाबी के पड़ोसी थे. पीएमसी बैंक के अकाउंट होल्डर 59 साल के फत्तोमल की भी इस हफ्ते की शुरूआत में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.
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