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केंद्र सरकार संरक्षित 50 राष्ट्रीय स्मारक बीते कुछ दशकों में लापता हुए

कुछ स्मारक बांधों के पानी में डूब गए, तो कुछ अपनी जगह से लापता हैं-Parliamentary Standing Committee को सौंपी रिपोर्ट

Published
भारत
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भारत में बीते कुछ सालों में 50 राष्ट्रीय स्मारक (50 National Monuments Missing) नष्ट हो गए हैं या उनकी वर्तमान स्थिति का फिलहाल पता नहीं लग पा रहा है. संस्कृति मंत्रालय ने इस बात की जानकारी संसद में दी है. यह स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के तहत आते थे और केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित थे.

8 दिसंबर को परिवहन, पर्यटन और संस्कृति की संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा, "यह बहुत चिंता का विषय है कि राष्ट्रीय महत्व के कुछ स्मारक, जो भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आते थे, वे लगातार हो रहे शहरीकरण, बांधों के पानी में जलमग्न होने, घने जंगलों या उचित स्थिति ना पता होने के चलते गुम हो गए हैं."
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यह बात "इश्यूज रिलेटिंग टू अंट्रेसेबल मोन्यूमेंट्स एंड प्रोटेक्शन ऑफ मोन्यूमेंट्स इन इंडिया" नाम की रिपोर्ट में कही गई है.

जो स्मारक गुम हुए हैं, उनमें 11 उत्तर प्रदेश में, जबकि 2-2 हरियाणा और दिल्ली में स्थित हैं. इसके अलावा असम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी ऐसे धरोहल स्थल मौजूद हैं.

एएसआई के मुताबिक अंधाधुंध शहरीकरण के चलते 14 स्मारक लुप्त हुए हैं, जबकि 12 जलाशय और बांधों के पानी में खत्म हुए हैं. वहीं 24 स्मारकों की भौगोलिक स्थिति का पता नहीं लग पा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस को एक अधिकारी ने इन गुम हो चुके स्मारकों के बारे में बताया, "इन गुम हुए स्मारकों में कुछ मामले अभिलेखों के हैं, जिनकी कोई निश्चित स्थिति आज मौजूद नहीं है. उन्हें या तो अपनी जगह से हटा दिया गया होगा या वे नष्ट हो गए होंगे."

बता दें इन स्मारकों में से ज्यादातर की पहचान 1930, 40 और 50 के दशक में हुई थी. स्वतंत्रता के बाद भी ज्यादा जोर नए स्मारकों को खोजने पर रहा, ना कि पुरानों को संरक्षित करने पर.

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