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7वां वेतन आयोग: सरकार के लिए ट्रंप कार्ड, कर्मचारियों के लिए सौगात

केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी यह उम्‍मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार उन पर और ज्‍यादा मेहरबानी दिखाएगी.

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भारत
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केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बुधवार का दिन खुशियों की सौगात ला सकता है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर आखिरी मुहर लगाने जा रही है.

दरअसल, कैबिनेट सचिव पीके सिन्‍हा की अध्‍यक्षता वाली सचिवों की समिति को इस वेतन आयोग की सिफारिशों पर गौर करने का काम सौंपा गया था. इस समिति ने सरकार को अपने प्रस्‍ताव सौंप दिए हैं.

इस बारे में कुछ अहम बातों की चर्चा से पहले वेतन आयोग की मुख्‍य सिफारिशों पर डालिए एक नजर.

स्नैपशॉट
  • कब से लागू: 1 जनवरी, 2016 से. यानी लाभ के दायरे में आने वालों का इसी डेट से एरियर भी जोड़कर मिलेगा.
  • न्‍यूनतम वेतन कितना: 18,000 रुपये प्रतिमाह (संभावित).
  • अधिकतम वेतन कितना: 2,25,000 रुपये प्रतिमाह. कैबिनेट सचिव और इस स्‍तर के अधिकारी के लिए 2,50,000 रुपये प्रतिमाह.
  • सचिवों की समिति की सिफारिश: न्यूनतम शुरुआती वेतन 23,500 रुपये, अधिकतम वेतन 3.25 लाख रुपये प्रतिमाह तक मुमकिन.
  • मूल वेतन कितना बढ़ेगा: मूल वेतन में करीब 15 फीसदी बढ़ोतरी.
  • भत्तों को जोड़ने पर: वेतन में 23.55 प्रतिशत तक की वृद्धि मुमकिन.
  • सालाना वेतन बढ़ोतरी: यह 3 फीसदी ही रखी गई है.
  • लाभ के दायरे में कितने: 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगी को फायदा. इनमें 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी, 58 लाख पेंशनर.
  • बजट में क्‍या: इसके लिए बजट में 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

काफी सोच-समझकर वक्‍त का चुनाव

सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि आखिर सरकार ने लंबे समय से लटके इस मुद्दे को इस वक्‍त क्‍यों पिटारे से बाहर निकाला? जानकारों की मानें, तो केंद्र सरकार ने काफी सोच-समझकर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए यह वक्‍त चुना है.

दरअसल, सरकार Brexit के नकारात्मक नतीजों को हर हाल में बेअसर करने को तैयार दिख रही है. इसके लिए पहले एफडीआई पर खूब नरमी बरती गई. यह कदम काफी हद तक कारगर भी रहा. अब सरकार 1 करोड़ से ज्‍यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधे-सीधे ज्‍यादा पैसे दे रही है. इस तरह जब लोगों की क्रय शक्‍त‍ि (परचेजिंग पावर) बढ़ेगी, तो मार्केट में पैसा आना तय है. इससे बाजार के हालात दुरुस्‍त करने में मदद मिलेगी.



केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी यह उम्‍मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार उन पर और ज्‍यादा मेहरबानी दिखाएगी.
सभी सिफारिशों के मूल में है ये पैसा !!! (फोटो: Reuters)

क्‍या-क्‍या होंगे बड़े बदलाव?

जस्‍ट‍िस अशोक कुमार की अध्‍यक्षता वाले आयोग ने कुछ बड़ी सिफारिशें की हैं. इनमें से कई सिफारिशें ऐसी हैं, जो कर्मचारियों को शायद ही रास आएं.

1. बेहतर प्रदर्शन करने वाले ही पाएंगे प्रमोशन

आयोग की सिफारिश के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों को प्रमोशन पाने के लिए अब ‘अच्‍छा’ या ‘बहुत अच्‍छा’ प्रदर्शन करना होगा. दरअसल, संशोधित निश्‍चित पदोन्‍नति यानी एमएसीपी के तहत प्रमोशन के नियम कड़े किए गए हैं. इतना ही नहीं, कामकाज में बेहतर प्रदर्शन न करने वालों को सालाना वेतन बढ़ोतरी से भी वंचित रहना पड़ सकता है.

2. वेतन-भत्ते के ढांचे में बदलाव

सरकार वेतन और भत्ते के ढांचे में बड़े बदलाव करने जा रही है. पे-बैंड ओर ग्रेड-पे के मौजूदा सिस्‍टम में पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है. साथ ही आयोग ने 52 भत्तों को खत्‍म करने की सिफारिश की है. अन्‍य 36 भत्तों को मौजूदा भत्तों में या नए भत्तों के तौर पर जगह दी जानी है.

3. मकान भत्ते में भी सुधार

आयोग ने एक्‍स, वाई और जेड श्रेणी के शहरों के लिए एचआरए की दर में बदलाव की सिफारिश की है. इन तीनों कैटेगरी के शहरों के लिए एचआरए नए मूल वेतन का क्रमश: 24, 16 और 8 प्रतिशत की दर से देय होगा. महंगाई भत्‍ता 50 प्रतिशत से अधिक होने की सूरत में एचआरए की संशोधित दर क्रमश: 27 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 09 प्रतिशत होगी. साथ ही जब महंगाई भत्‍ता 100 फीसदी के पार हो जाएगा, तो संशोधित दर क्रमश: 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत हो जाएगी.

इन बातों के बावजूद, केंद्रीय कर्मचारी यह उम्‍मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार उन पर और ज्‍यादा मेहरबानी दिखाएगी. इस तरह की सोच के पीछे भी कारण है. दरअसल, छठे वेतन आयोग ने वेतन में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. पर साल 2008 में इसे लागू करते समय केंद्र सरकार ने दोगुनी बढ़ोतरी कर दी थी. लोग इस बार भी ऐसी ही आस लगाए बैठे हैं.

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