देश में इन दिनों गायों से जुड़े कई तरह के मुद्दे छाए हुए हैं. एक स्टडी के मुताबिक, 2010 से 2017 के बीच गोवंशी पशुओं से जुड़े मुद्दों पर हुई हिंसा के 51 फीसदी मामलों में मुस्लिमों को निशाना बनाया गया. ऐसे 63 मामलों में 28 लोगों की मौत हुई.
चौंकाने वाली बात ये भी है कि इस तरह की हिंसा में जान गंवाने वालों में 86 फीसदी मुस्लिम थे.
ये स्टडी IndiaSpend ने अंग्रेजी मीडिया की खबरों से की है. ये आंकड़े 25 जून, 2017 तक जुटाए गए थे.
बीजेपी सरकार आने के बाद बढ़े हमले
इनमें से 97% हमले (63 में से 61) 2014 के बाद हुए, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई. करीब आधे केस (63 में से 32) बीजेपी शासित राज्यों में से हैं. जिन 28 लोगों की मौत हुई, उनमें 24 मुस्लिम (86%) थे. इन घटनाओं में 124 लोग घायल भी हुए थे.
किन राज्यों में हुए कितने हमले?
- उत्तर प्रदेश 10
- हरियाणा 9
- गुजरात 6
- कर्नाटक 6
- मध्य प्रदेश 4
- दिल्ली 4
- राजस्थान 4
- असम 1
- आंध्र प्रदेश 1
- हिमाचल प्रदेश 1
- केरल 1
- ओडिशा 1
- तमिलनाडु 1
- बिहार 1
इन हमलों का खौफ इतना हुआ कि सोशल मीडिया पर इसका नाम ‘गोतंकवाद’ रख दिया गया.
साल 2017 सबसे खराब
2017 में पहले 6 महीने के भीतर ही गाय से जुड़े 20 हमले हुए. ये 2016 के आंकड़ों से 75% ज्यादा हैं और 2010 से लेकर अब तक का सबसे बुरा साल.
भारतीय दंड संहिता में भीड़ के पीट-पीटकर मार देने पर सजा के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है, जिसके कारण इन मामलों में इंसाफ नहीं हो पाता.
इनमें 23 मामले ऐसे थे, जिनमें भीड़ ने हमले किए. इनमें हिंदुत्ववादी संगठनों जैसे- विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और स्थानीय गोरक्षक समिति के कार्यकर्ता शामिल थे.
अफवाहों की वजह से हुए 52% हमले
मीडिया रिपोर्ट के विश्लेषण से पता चलता है कि 2010 के बाद 63 में से 33 (52.4%) हमले अफवाहों की वजह से हुए. इसमें ताजा मामला पहलू खान का है.
(स्रोत: IndiaSpend)
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