रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार, 19 सितंबर को राज्यसभा को सूचित किया कि 1 मई से 9 सितंबर के बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा के दौरान कुल 97 लोगों की कथित रूप से मौत हो गई. मौतों की संख्या को लेकर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सवाल पूछा था.
रेल मंत्री ने कहा,
‘’इन 97 मौतों में से पुलिस ने 87 मामलों में शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था. संबंधित राज्यों की पुलिस से अब तक 51 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं, जिसमें मौत के कारणों को कार्डिऐक अरेस्ट, हृदय रोग, ब्रेन हैमरेज, पहले से चली आ रही पुरानी बीमारी, पुरानी फेफड़ों की बीमारी आदि के तौर पर दिखाया गया है’’पीयूष गोयल, रेल मंत्री
गोयल ने यह भी कहा कि रेलवे ने प्रवासियों से कोई किराया कलेक्ट नहीं किया था. उन्होंने कहा, ''श्रम स्पेशल्स को राज्य सरकारों या उनके प्रतिनिधियों द्वारा किराये के भुगतान पर बुक किया गया था. 31 अगस्त तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए उनसे 433 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कलेक्ट किया गया था. इन ट्रेनों में 63.19 लाख श्रमिक / फंसे हुए यात्रियों ने यात्रा की.''
बता दें कि 25 मार्च से पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं को सस्पेंड करने के बाद, रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के परिवहन के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की थीं.
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