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मूंछें हो तो अभिनंदन जैसी, संसद से वर्ल्ड कप तक छाई हैं

कमांडर अभिनंदन की मूंछों को लेकर दीवानगी कोई पहली बार नहीं देखी जा रही है

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विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की मूंछों की लोकप्रियता अब संसद भी पहुंच गई है. कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार, 24 जून को संसद में कहा कि अभिनंदन की मूंछों को 'राष्ट्रीय मूछ' घोषित कर देना चाहिए.

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‘विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को अवॉर्ड दिया जाना चाहिए और उनकी मूंछों को नेशनल मूछ घोषित कर दिया जाना चाहिए.’
अधीर रंजन चौधरी, सांसद, कांग्रेस

अधीर रंजन चौधरी की इस मांग का ट्विटर पर हालांकि काफी मजाक बनया गया. किसी ने ‘कुछ काम न होने’ पर कांग्रेस का मजाक बनाया, तो किसी ने लिखा कि ये सबसे ‘अजीब मांग’ है.

कमांडर अभिनंदन की मूंछों को लेकर दीवानगी कोई पहली बार नहीं देखी जा रही है. इससे पहले भी कई भार उनकी मूछें सुर्खिया बन चुकी हैं.

वर्ल्ड कप भी पहुंची अभिनंदन की मूंछें

हाल ही में वर्ल्ड कप में इंडिया-पाकिस्तान मैच से पहले पाकिस्तान का एक ऐड वायरल हुआ था, जिसमें अभिनंदन का बॉडी डबल का इस्तेमाल कर भारत का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई थी.

इस ऐड में अभिनंदन के बहाने भारत पर तंज कसने की कोशिश की गई थी, लेकिन जब 16 जून को हुए मैच में भारत ने पाकिस्तान को 89 रनों से हराया तो इंडियन यूजर्स ने इसका बदला लेने का मौका नहीं छोड़ा.

अथीस्ट कृष्णा नाम के वॉटरमार्क वाली रोहित शर्मा की एक एडिटेड फोटो खूब वायरल हुई, जिसमें रोहित शर्मा को अभिनंदन की मूंछें लगाई गई थीं.

कमांडर अभिनंदन की मूंछों को लेकर दीवानगी कोई पहली बार नहीं देखी जा रही है
अभिनंदन की मूंछों वाली रोहित शर्मा की फोटो हुई खूब वायरल
(फोटो: ट्विटर)

जब लोगों ने अपनाया अभिनंदन का स्टाइल

जब अभिनंदन वर्तमान की घर वापसी हुई तो उनकी मूंछें खूब वायरल हुईं. कई लोगों ने अभिनंदन की मूंछों के स्टाइस को अपनाया.

कमांडर अभिनंदन की मूंछों को लेकर दीवानगी कोई पहली बार नहीं देखी जा रही है
बेंगलुरू के एक सैलून में लोगों ने बनवाई अभिनंदन जैसी मूंछों
(फोटो: ANI)

भारत से लेकर दुबई तक अभिनंदन की मूंछों को लेकर क्रेज देखने को मिला था.

अभिनंदन वर्तमान ने इसी साल 27 फरवरी को नियंत्रण रेख पर हवाई लड़ाई में मिग-21 से पाकिस्तान का एफ-16 मार गिराया था. हालांकि, हवाई लड़ाई के दौरान उन्हें इमरजेंसी एग्जिट लेना पड़ा और उनका पैराशूट पाकिस्तानी इलाके में उतर गया था, जहां उन्हें पाकिस्तान ने कस्टडी में ले लिया था. दो दिन बाद, 1 मार्च को उन्हें वाघा बॉर्डर के जरिए भारत को सौंपा गया था.

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