ADVERTISEMENTREMOVE AD

पूरी दुनिया को कोरोना टीका लगाने में 2-3 साल लगेंगे: अदार पूनावाला

वैक्सीन एक्पोर्ट को लेकर जारी बहस के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ने अदर पूनावाला का बयान जारी किया है.

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारत की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला ने बयान जारी कर कहा है कि पूरी दुनिया की आबादी को पूरी तरह से वैक्सीनेट करने में 2-3 साल लगेंगे. इसके अलावा पूनावाला ने कहा कि भारत जैसे ज्यादा आबादी वाले देश को दो या तीन महीने में वैक्सीन नहीं दी जा सकती. वैक्सीन एक्सपोर्ट को लेकर चल रही बहस के बीच उन्होंने कहा- 'SII ने कभी भी भारत के लोगों की कीमत पर वैक्सीन एक्सपोर्ट नहीं कीं.'

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दुनिया को टीका लगान में 2-3 साल लगेंगे: पूनावाला

वैक्सीन एक्पोर्ट को लेकर जारी बहस के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ने अदार पूनावाला का बयान जारी किया है.

हम दुनिया की 2 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से हैं, तो इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान 2-3 महीनों में पूरा नहीं किया जा सकता है. क्योंकि कई चुनौतियां होती है. पूरी दुनिया की आबादी को पूरी तरह से टीका लगने में 2-3 साल लगेंगे. हम भारत के लोगों की कीमत पर वैक्सीन एक्सपोर्ट नहीं कर सकते.
अदार पूनावाला,CEO सीरम इंस्टीट्यूट

'तब कोरोना केस कम थे..'

पूनावाला ने बयान में कहा- 'जब जनवरी में वैक्सीन लॉन्च की गई थीं तो भारत में वैक्सीन का बड़ा स्टॉक था. तब कोरोना वायरस केस अपने निम्नतर स्तर पर थे और वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो चुका था. लेकिन उसी वक्त कई सारे दूसरे देश गंभीर संकट का सामना कर रहे थे और उनको मदद की जरूरत थी. तब भारत ने जरूरतमंद देशों की मदद की और अब भारत को उन देशों से मदद मिल रही है.'

'हमने दूसरों से भी वादा किया है..'

अदार पूनावाला ने कहा- 'हमने दुनिया के साथ कुछ गठबंधन किए हैं, जिसके हमने COVAX से वादा किया है. ताकि वो भी दुनिया में वैक्सीन बांट सकें और दुनिया से कोरोना संकट को खत्म कर सकें. हम वैक्सीन प्रोडक्शन को बढ़ाने पर काम करते रहेंगे.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने 14 मई को कहा था कि 5 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन बाहर मदद के तौर पर नहीं बल्कि सीरम कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट नियमों के तहत भेजी गईं. लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक ब्लॉग का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बताया कि, देश में वैक्सीन की कमी के बावजूद हमने मानवता के आधार पर दुनियाभर में करीब 66 मिलियन वैक्सीन डोज भिजवाईं.

ऐसे में सवाल यही है कि जब दुनिया के दूसर देश खुद के लिए वैक्सीन का स्टॉक तैयार करने में लगे थे तो भारत ने सीरम पर ऐसी सख्ती क्यों नहीं दिखाई जैसी आज दिखाई जा रही है. इसके अलावा सरकार ने वैक्सीन प्रोडक्शन में तेजी लाने के लिए सीरम की मदद क्यों नहीं की ताकि सीरम के करार के तहत वैक्सीन भी एक्सपोर्ट हो सकें और भारत की भी जरूरतें पूरी हो सकें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×