नोदबंदी के फैसले के बाद एक तरफ जहां डिजिटल ट्रांजेक्शन और ई-वॉलेट के इस्तेमाल में इजाफा हुआ है, वहीं इनकी सेफ्टी को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं.
रिजर्व बैंक के आदेश के बाद अब ये कंपनियां स्पेशल ऑडिट करा रहीं हैं. यहां तक कि इन कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर सिक्योरिटी के लिए एक्स्ट्रा कवर भी जोड़ने पड़ रहे हैं.
RBI के निर्देश का पालन
रिजर्व बैंक ने हालही में एक नोटिफिकेशन जारी कर सभी प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) कंपनियों को सिक्यॉरिटी सिस्टम का स्पेशल ऑडिट कराने का आदेश दिया था. आरबीआई निर्देश के मुताबिक यह ऑडिट इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) द्वारा कराने के निर्देश दिए गए थे.
सरकार द्वारा भी फाइनेंशियल सेक्टर के ऑडिट कराने की बात की जा रही है. जिसकी शुरूआत नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से होगी. हालही में हैकर ग्रुप ‘लीजन’ ने देश में कई लोगों के ट्विटर अकाउंट हैक किए थे, जिससे साइबर सेफ्टी पर सवाल खड़े हो गए थे.
हमने रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन करके हुए अपने सिस्टम का ऑडिट शुरू कर दिया है, ताकि यह तय किया जा सके कि सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है.हम अपने प्रीपेड सिस्टम, ऐक्सेस वायरस स्कैन, बाहरी ऐक्सेस और सर्वर सिक्यॉरिटी पर नजर रखेंगें.जितेंद्र गुप्ता, फाउंडर, सिट्रस पे
सभी ट्रांजैक्शंस पर है नजर
ट्रांसर्व के सीईओ अनीष विलियम्स ये कहते हैं कि हमनें RBI की गाइडेंस के मुताबिक ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर दी है. साथ ही, कस्टमर ट्रांजैक्शंस पर हमारी निगरानी लगातार बनी हुई है.' पेटीएम ने बताया कि वह रिजर्व बैंक के मुताबिक तय सभी ऑडिट जरूरतों का पालन कर रही है. साथ ही, खतरों से निपटने के लिए अपने उपायों का भी सहारा ले रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)