बीजेपी से गठबंधन तोड़ने को लेकर पहली बार अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) पार्टी चीफ एडप्पादी के पलानीस्वामी ने टिप्पणी की. गठबंधन तोड़ने पर पलानीस्वामी ने कहा "निर्णय अंतिम था. यह निर्णय मेरा अकेले का नहीं था बल्कि ये दो करोड़ पार्टी कार्यकर्ता का फैसला था."
पलानीस्वामी ने 2 अक्टूबर की रात मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने को लेकर बताया "दो करोड़ पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक परामर्श बैठक में अपनी भावनाओं को साझा किया. पार्टी के महासचिव के रूप में यह मेरा निर्णय नहीं है. यह अन्नाद्रमुक कैडर का निर्णय है. जब कोई प्रस्ताव अपनाया जाता है, तो वह अंतिम होता है."
"गठबंधन धर्म के कारण हम उन मुद्दों का समर्थन करने के लिए मजबूर थे, जिन पर हम सहमत नहीं थे. अब हमारे सामने ऐसी कोई स्थिति नहीं है."
2024 के आम चुनाव को लेकर पलानीस्वामी ने कहा कि उनका फोकस तमिलनाडु के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने पर है. पार्टी तमिलनाडु के लोगों की आवाज संसद में उठाएगी. उन्होंने आगे कहा...
"हम तमिलनाडु के लोगों के वोटों से जीते हैं. संसद में हम उनकी आवाज बनेंगे. यह हमारी विचारधारा है. अगर मुस्लिम और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदायों को किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो अन्नाद्रमुक वह पार्टी होगी, जो आवाज उठाएगी."
पूर्व सीएम ने कहा "कुछ लोग पूछ रहे हैं कि हमारा प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन है? 2019 में, क्या ओडिशा के सीएम, पश्चिम बंगाल के सीएम, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सीएम ने अपने पीएम उम्मीदवारों को आगे करके चुनाव लड़ा था? जिस तरह से उन्होंने राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए चुनावों लड़ा था. अन्नाद्रमुक तमिलनाडु के लोगों के अधिकारों की भी रक्षा करेगी. हम लोगों से मिलेंगे और उनके वोट मांगेंगे. जनता ही मालिक है."
राज्य के बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई की टिप्पणियों के कारण बीजेपी और AIADMK में टकराव देखने को मिल रहा था. अन्नमलाई की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत सीएन अन्नादुरई को लेकर की कई गई टिप्पणी ने AIADMK और बीजेपी की राहें अलग कर दी. पिछले महीने अन्नाद्रमुक ने बीजेपी से चार साल पुराना अपना गठबंधन खत्म कर लिया.
AIADMK के उप महासचिव केपी मुनुसामी ने बीजेपी से अलग होने की घोषणा के बाद कहा था कि...
"बीजेपी का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है."
अन्नामलाई के किस बयान से बिगड़े AIADMK-BJP के रिश्ते
बता दें कि सनातन धर्म पर द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर मचे सियासी बवाल के बीच अन्नामलाई ने भी बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत सीएम अन्नादुरई ने 1956 में हिंदू धर्म का अपमान किया था और उन्हें बाद में माफी मांगनी पड़ी थी. जिसका AIADMK ने कड़ा विरोध किया था और माफी की मांग की थी.
इसके अलावा, अन्नामलाई के एक और बयान से मामला और बिगड़ गया. उन्होंने कहा था कि मैं अन्नादुरई की विरासत का सम्मान करता हूं मगर तमिलनाडु में इदापड्डी पलानीस्वामी को एनडीए का नेता स्वीकार नहीं करूंगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)