केरल के कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर अचानक एयर इंडिया का विमान फिसलते हुए घाटी में जा गिरा. इस हादसे में अब तक एक पायलट समेत 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. ये विमान दुबई से 174 पैसेंजर, 10 नवजात बच्चों, 2 पायलट और 5 केबिन क्रू के साथ मलाप्पुरम के कालीकट एयरपोर्ट आ रहा था. इस विमान हादसे के पीछे तेज बारिश के अलावा टेबल टॉप रनवे को वजह बताया जा रहा है. टेबल टॉप रनवे की वजह से विमान को लैंडिंग के दौरान मुश्किल आई और इतना बड़ा हादसा हो गया.
ऐसे रनवे पर विमानों को खराब मौसम में उतरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस विमान हादसे के बाद एक बार फिर टेबल टॉप रनवे की चर्चा हो रही है. जानिए आखिर क्या होता है टेबल टॉप रनवे.
किसे कहते हैं टेबल टॉप रनवे
जैसा कि नाम से ही आपको पता चल रहा होगा कि टेबल टॉप, यानी दोनों तरफ खाली जगह और ऊपर समतल रनवे, इसी को टेबल टॉप रनवे कहते हैं. ऐसे रनवे किसी पहाड़ी या फिर ऐसी कोई जगह जो नीचे से स्लोप वाली हो और उसके टॉप पर स्थित किसी एयरपोर्ट पर बनाए गए होते हैं. ऐसे रनवे पर लैंडिंग के लिए पायलट्स को खास ट्रेनिंग दी जाती है. क्योंकि कहा जाता है कि लैंडिंग के वक्त ऐसे रनवे एक तरीके का भ्रम पैदा करते हैं. इसीलिए यहां परफेक्ट लैंडिंग काफी जरूरी होती है.
अगर मौसम खराब हो तो इन रनवे पर लैंडिंग काफी मुश्किल हो जाती है. अमूमन ऐसे रनवे के दोनों तरफ गहरी खाई या फिर घाटी होती हैं. जैसा कि केरल के कोझिकोड में हुआ. विमान रनवे से फिसलकर सीधे घाटी में जा गिरा, जिसकी वजह से उसके दो टुकड़े हुए और इतने लोगों की मौत हुई.
देश में कितनी जगह हैं टेबल टॉप रनवे
देश में कुल तीन जगह टेबल टॉप रनवे हैं, जिन्हें काफी ज्यादा ऊंचाई पर बनाया गया है. इनमें से एक केरल का कालीकाट इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रनवे है, जिस पर एयर इंडिया का विमान फिसला और इतना बड़ा हादसा हुआ. ऐसा ही दूसरा टेबल टॉप रनवे कर्नाटक के मंगलुरू एयरपोर्ट पर है. ये एयरपोर्ट भी काफी ऊंचाई पर स्थित है. वहीं तीसरा एयरपोर्ट मिजोरम में है, जहां पर टेबल टॉप रनवे है, यानी दोनों तरफ घाटी या खाई और पहाड़ के ऊपर बना एयरपोर्ट.
मेंगलुरू एयरपोर्ट पर हुआ था दर्दनाक हादसा
टेबल टॉप एयरपोर्ट पर एक ऐसा ही हादसा साल 2010 में मेंगलुरू में हुआ था. इस हादसे में भी लैंडिंग के दौरान प्लेन फिसलकर नीचे खाई में जा गिरा था. ये केरल के कालीकट हादसे से भी भयानक था. संयोग की बात ये है कि उस वक्त भी विमान एयर इंडिया का ही था और वो दुबई से ही लौट रहा था. मेंगलुरू एयरपोर्ट पर पहुंचते ही विमान टेबल टॉप रनवे पर फिसल गया और कई फीट नीचे खाई में जा गिरा. इस हादसे में 158 लोगों की मौत हुई थी. सिर्फ 8 लोग ही जिंदा बच पाए.
केरल के कालीकट एयरपोर्ट पर जो हादसा हुआ है, उसमें गनीमत ये रही कि विमान के टुकड़े होने पर भी उसमें आग नहीं लगी. इसीलिए काफी कम नुकसान हुआ. वहीं मेंगलुरू वाले हादसे में तुरंत विमान में आग लग गई थी.
शिमला एयरपोर्ट भी सबसे खतरनाक?
हिमाचल प्रदेश में शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट टेबलटॉप पर बने हुए हैं. ये देश के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में से एक माना जाता है. ये सी लेवल से करीब 2196 मीटर की ऊंचाई पर है.
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