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पेलेट गन की जगह उपद्रवियों पर अब दागे जाएंगे मिर्च के गोले!

पेलेट गन के इस्तेमाल पर विवाद उठने के बाद अब सरकार कर रही है पावा शैल का इस्तेमाल करने की तैयारी.

Published
भारत
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कश्मीर घाटी में पिछले 49 दिनों से हिंसा और अशांति जारी है. उपद्रवियों को काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को पेलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ा है. पेलेट गन के शिकार कई घायलों की आंखों की रोशनी चली गई. जब पेलेट गन के इस्तेमाल पर विवाद खड़ा हुआ तो केंद्र सरकार अब पेलेट गन का विकल्प तलाश रही है. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, कश्मीर में उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार अब पेलेट गन के बजाय मिर्ची बम (PAVA शैल)का इस्तेमाल कर सकती है.

कैसे काम करेगा मिर्ची बम(PAVA शैल)?

मिर्ची बम यानि PAVA शैल को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीकोलॉजी रिसर्च (IITR) लखनऊ ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के नेतृत्व में बनाया है. PAVA यानि पेलागॉर्निक एसिड वनीलिल अमाइड को नॉनिवमाइड के नाम से भी जाना जाता है. यह प्राकृतिक काली मिर्च में पाया जाने वाला कार्बनिक यौगिक है. इसका इस्तेमाल सामने वाले व्यक्ति के शरीर में जलन पैदा कर देता है और वह कुछ न कर पाने की हालत में पहुंच जाता है. PAVA शैल्स से ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता.

इसके अलावा बीएसएफ की टीयर स्मोक यूनिट (टीएसयू) द्वारा बनाया गया ‘स्टन ग्रेनेड’ भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. यह टारगेट को बेहोश कर देता है और कुछ मिनट के लिए अंधा कर देता है.

गुरुवार को कश्मीर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘साल 2010 में कहा गया था कि पेलेट गन नॉन-लीथल वैपन है, जिससे कम से कम नुकसान पहुंचता है लेकिन अब महसूस हो रहा है कि इसका विकल्प खोजा जाए. नॉन-लीथल वैपन के विकल्प मौजूद हैं, जिनसे भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है. इनमें, साउंड कैनन, पीपर शॉट गन और चिली ग्रेनेड शामिल हैं. सरकार इन विकल्पों पर विचार कर रही है.

पेलेट गन पर क्यों उठा विवाद?

पेलेट गन से छोट-छोटे छर्रे निकलते हैं जोकि शरीर में चुभ जाते हैं. पेलेट गन के इस्तेमाल को लेकर विवाद उस वक्त गहराया जब कश्मीर में पैलेट गन से घायल कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. पेलट गन के इस्तेमाल पर विवाद में घिरी केंद्र सरकार अब उपद्रवियों से निपटने के लिए PAVA शैल(मिर्च के गोले) का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है.

हालांकि इस मामले पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है लेकिन सरकारी सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय, बीएसएफ, सीआरपीएफ, जेके पुलिस, आईआईटी दिल्ली और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के सात सदस्यों वाली कमेटी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पेलेट गन का विकल्प तलाश रही है.

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