शनिवार को लखनऊ में बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र जारी किया गया. यूपी में 15 साल के वनवास को खत्म करने का नारा देने वाली बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणापत्र जारी करने के साथ ही दावा किया कि राज्य में पार्टी दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी. शाह ने घोषणापत्र को बीजेपी का संकल्पपत्र करार दिया.
बहुचर्चित राम मंदिर मुद्दे को लेकर बीजेपी वापसी की रणनीति तय करने में जुट गई है. शाह ने कहा कि संविधान के नियमों के तहत राम मंदिर के निर्माण का प्रयास जारी रहेगा.
घोषणापत्र की कुछ खास बातें
महिलाओं के लिए खास
- तीन तलाक पर प्रदेश की महिलाओं की राय लेंगे.
- गरीब घर में बेटी के जन्म पर 5000 रुपए की मदद दी जाएगी. विधवा पेंशन के लिए उम्र की सीमा खत्म करेंगे.
- महिलाओं की 3 नई पुलिस बटालियन बनाई जाएंगी. हर जिले में महिला पुलिस स्टेशन बनाए जाएंगे.
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दल बनाने का वादा.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खास
- विकास के लिए बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा.
- पर्यटन स्थलों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की जाएगी.
- लखनऊ और नोएडा मेट्रो का विस्तार किया जाएगा.
स्टूडेंट्स के लिए खास
- सभी कॉलेजों में मुफ्त वाई फाई की सुविधा, ग्रेजुएशन तक लड़कियों और 12वीं तक लड़कों के लिए मुफ्त शिक्षा दिए जाने का वादा.
- बीजेपी की ओर से लैपटॉप बिना किसी जाति-धर्म के भेदभाव के दिया जाएगा. साथ में 1 जीबी डेटा मुफ्त दी जाएगी.
- शिक्षामित्रों की समस्या हल की जाएगी.
- 10 नए विश्वविद्यालय खोले जाएंगे.
कानून व्यवस्था पर पकड़
- भूमाफियाओं के खिलाफ टास्क फोर्स बनाया जाएगा.
- पूरे प्रदेश में 100 नंबर पर डायल करने के 15 मिनट के भीतर पुलिस की आने की गारंटी होगी.
- धार्मिक तनाव के कारण किसी का पलायन न हो इसके लिए उपाय किए जाएंगे.
किसानों के लिए खास
- अगले 5 साल में हर गांव में 24 घंटे बिजली की सुविधा.
- यूपी में किसानों को बिना ब्याज कर्ज दिया जाएगा.
- भूमिहीन किसानों को 2 लाख का बीमा देंगे. धान की पूरी फसल सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.
- छोटे किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा.
- गन्ना किसानों का पैसा 14 दिन के भीतर दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी.
घोषणापत्र जारी करने के समय शाह के साथ यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या और सांसद योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.
इससे पहले बीजेपी अब तक 371 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है जिसमें से 80 दलित और करीब 130 विभिन्न पिछड़ी जाति के उम्मीदवार हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)