गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 2021 की जनगणना डिजिटल तरीके से की जाएगी. इस बारे में उन्होंने 23 सितंबर को बताया, ''2021 में जो जनगणना होगी, उसमें हम मोबाइल ऐप का भी इस्तेमाल करेंगे और मैं इसे एक अलग तरीके से भी कहना चाहता हूं. पेपर सेंसस से डिजिटल सेंसस का ट्रांसफॉर्मेशन होने का काम 2021 की जनगणना के बाद समाप्त होगा. जनगणना का डिजिटल डेटा उपलब्ध होने से कई प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.''
गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘’सरकार इस बार की जनगणना में अभी तक का सबसे ज्यादा खर्च करने जा रही है. हम इस बार की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने में करीब 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रहे हैं.’’
इसके अलावा शाह ने कहा, ''जनगणना कोई उबाऊ काम नहीं है. यह वो काम है जो लोगों को सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाता है. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) देश में कई मुद्दों के समाधान के लिए सरकार की मदद करेगा.''
शाह ने आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक अकाउंट जैसी सभी यूटिलिटी के साथ नागरिकों के लिए एक बहुउद्देशीय पहचान पत्र के आइडिया पर भी बात की. इसके साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि एक ऐसा सिस्टम होना चाहिए कि जब किसी व्यक्ति की मौत हो तो यह जानकारी अपने आप ही जनसंख्या के डेटा में अपडेट हो जाए.
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