जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र उमर खालिद सोमवार को उन पर हुए हमले में बाल-बाल बच गए. दिल्ली में कॉन्सटीट्यूशन क्लब के बाहर उन्हें निशाना बनाकर फायरिंग की गई. हालांकि, वह हमले में सुरक्षित बच गए. हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गया, लेकिन अपनी गन को वह मौका ए वारदात पर ही फेंक गया.
जानकारी के मुताबिक, उमर खालिद कॉन्सटीट्यूशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे.
“मुझे गौरी लंकेश की याद आ गई...”
हमले के बाद उमर खालिद ने द क्विंट से कहा कि जब हमलावर ने उनकी तरफ पिस्टल तान कर हमला किया था तब उन्हें गौरी लंकेश की याद आ गई थी. उमर खालिद ने कहा, “हमलावर ने मुझ पर गोली चलाई और मुझे मारने की कोशिश की. शुक्र है उस समय मेरे दोस्त मेरे साथ थे जिन्होंने मुझे उस हमलावर से बचाया. जो लोग सरकार के खिलाफ सवाल उठाने की कोशिश कर रहे हैं ये उनको डराने की, धमकाने की, चुप कराने की साजिश है. जब मेरे ऊपर पिस्टल तानी गई थी, तब मैं बहुत डर गया था. मुझे गौरी लंकेश की याद गई थी.”
अज्ञात हमलावर फरार, जांच में जुटी पुलिस
जानकारी के मुताबिक, हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गया. मौका-ए-वारदात से वारदात में इस्तेमाल की गई बंदूक बरामद की गई है. घटना की जानकारी होने के बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची.
फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
चश्मदीद ने बताई पूरी घटना
घटना के चश्मदीद ने बताया, 'कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में एक कार्यक्रम का आयोजन था. उमर खालिद हमारे साथ थे. हम लोग चाय की दुकान पर खड़े थे. तभी सफेद शर्ट पहने एक शख्स वहां आया, उसने हमें धक्का दिया और फायर कर दिया. धक्के की वजह से खालिद लड़खड़ाकर गिर गए और बुलेट मिस हो गई. हमने उसे पकड़ने की कोशिश की. उसने हवाई फायरिंग की, इसी दौरान उसके हाथ से पिस्टल छूट गई और वह मौके से भाग गया.'
उमर खालिद को मिली थी जान से मारने की धमकी
बीते जून महीने में छात्र नेता उमर खालिद ने दिल्ली पुलिस में जान से मारने की धमकी संबंधी शिकायत दर्ज कराई थी. खालिद ने बताया था कि उन्हें गैंगस्टर रवि पुजारी की तरफ से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.
पुलिस ने मामले को दर्ज कर जांच भी की थी. पुजारी की हिटलिस्ट पर होने का दावा करते हुए खालिद ने पुलिस सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने कहा कि फरवरी, 2016 में भी इसी तरह की धमकी मिली थी.
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