ADVERTISEMENTREMOVE AD

अनंत हेगड़े ने मांगी माफी,बोले संसद और संविधान के लिए पूरी श्रद्धा

अनंत हेगड़े के बयान को लेकर लोकसभा में विपक्ष का हंगामा

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने संविधान और सेक्यूलरिज्म को लेकर दिए गए बयान के लिए माफी मांगी है. हेगड़ने कहा कि लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चले इस लिए वह अपने बयान के लिए माफी मांगते हैं. उन्होंने कहा कि संसद और संविधान के प्रति उनकी पूरी श्रद्धा है.

गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने हेगड़े के बयान का मुद्दा उठाने की कोशिक की. इस पर केंद्रीय मंत्री हेगड़े ने तत्काल खड़े होकर कहा कि उनकी संविधान, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और संसद में पूरी निष्ठा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
संविधान, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और संसद में मेरी पूरी निष्ठा है. इसके बारे में मुझे कोई भी शक नहीं है. किसी के बारे में मेरी निष्ठा कम नहीं हो सकती है.
अनंत कुमार हेगड़े, केंद्रीय मंत्री

हेगड़े के सफाई देने के बाद सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे समेत कुछ अन्य दलों के नेताओं ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि हेगडे ने जो बयान दिया था, उसे देखते हुए इतना कह देना पर्याप्त नहीं है.

लोकसभा अध्यक्ष के कहने पर मांगी माफी

इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कभी कभी जीवन में ऐसा होता है कि आपको अपनी कही बात तो ठीक लगती है लेकिन दूसरों को इससे ठेस पहुंच सकती है. माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता है. इतना तो आप कह ही सकते हैं कि अगर सदन में इससे किसी को ठेस पहुंची है, तो माफी मांगते हैं.

इसके बाद अनंत कुमार हेगडे ने कहा कि अगर इस बात से, जिसे गुमराह करके पेश किया गया है, जो बात मैंने कही नहीं, उससे किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो मुझे माफी मांगने में कोई संकोच नहीं है.

केंद्रीय मंत्री के माफी मांगने के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली और प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया गया.

कांग्रेस ने किया था बयान का विरोध

बता दें कि हेगडे के संविधान और धर्मनिरपेक्षता संबंधी विवादास्पद बयान पर उन्हें बर्खास्त करने की कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की मांग को लेकर लोकसभा में बुधवार को भारी हंगामा हुआ था और सदन की कार्यवाही में बाधा आई थी.

विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को चार बार स्थगित करना पड़ा था. हालांकि एनडीए सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि भारतीय संविधान में उसकी अटूट श्रद्धा है और वह कांग्रेस ही है जो छद्म धर्मनिरपेक्षता का सहारा लेती आयी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×