रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना के छह अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. ये अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर हेलफायर और स्टिंगर जैसी घातक मिसाइलों से लैस होंगे. AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों को अमेरिकी सेना के अलावा कई दूसरे देशों की सेना भी इस्तेमाल करती है. चीन के साथ जारी तनाव के बीच इस मंजूरी को अहम माना जा रहा है.
भारतीय सेना को अमेरिकी कंपनी बोइंग से 4168 करोड़ रुपये की लागत से छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर और अन्य हथियार प्रणाली खरीदने के लिए मंजूरी मिल गई है. सेना में लड़ाकू हेलीकॉप्टर का यह पहला बेड़ा होगा.
सितंबर 2015 में अमेरिकी कंपनी बोइंग से 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी गई थी. ये हेलीकॉप्टर वायुसेना को दिए गए थे. इसी के तहत भारतीय सेना ने अपने लिए भी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की मांग की थी. सेना के पास अब तक लड़ाकू हेलीकॉप्टर नहीं रहे हैं. इसीलिए सेना ने अब लड़ाकू हेलीकॉप्टर का मांग की थी.
अपाचे हेलीकॉप्टर मिसाइल और रडार से लैस होते हैं. रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद की बैठक में यह मंजूरी प्रदान की गयी. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि छह 'AH-64E' हेलीकॉप्टर सहायक उपकरणों, कलपुर्जों और शस्त्र प्रणाली के साथ आएंगे.
अाधुनिक सुविधाओं से लैस है AH-64E लड़ाकू हेलीकॉप्टर
'AH-64E' हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में गिने जाते हैं, जिनमें आधुनिक शस्त्र प्रणाली और रात में भी लड़ने की क्षमता वाली विशेषताएं होती हैं. भारतीय वायु सेना के लिए 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए सौदे को सरकार द्वारा अंतिम रुप दिये जाने के बाद सेना अपने लिए 11 ऐसे हेलीकॉप्टरों की खरीद के आदेश के अनुपालन पर जोर दे रही थी.
हालांकि सेना के इस प्रस्ताव का वायु सेना ने समर्थन नहीं किया. अभी तक थल सेना के पास कोई लड़ाकू हेलीकॉप्टर नहीं था. सूत्रों के अनुसार, डीएसी ने नौसेना के जहाजों के लिए यूक्रेन से 490 करोड़ रुपये की लागत से दो गैस टर्बाइन इंजन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की.
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