लोकसभा में 6 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस में तीखी बहस हुई. इस बहस के केंद्र में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 और आर्टिकल 370 को बेअसर बनाने वाला रिजॉल्यूशन रहा.
बहस की शुरुआत में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से कहा, ''आपने सभी नियमों का उल्लंघन किया और एक राज्य को रातों रात केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया.''
‘’आपने कहा है कि यह आंतरिक मामला है. मगर 1948 से इस पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी रही है, क्या यह आंतरिक मामला है?’’ शिमला और लाहौर समझौतों पर भी स्थिति स्पष्ट कीजिए.‘’अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस
‘’कांग्रेस को बताना चाहिए कि क्या कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र मॉनिटर करे? जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.’’अमित शाह, बीजेपी
इसके अलावा अमित शाह ने कहा, ‘’कश्मीर की सीमा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भी आता है...जान दे देंगे इसके लिए.’’ शाह ने कहा, ''मैंने सदन में जब-जब जम्मू-कश्मीर राज्य कहा है, तब-तब PoK और अक्साई चिन भी इसमें शामिल रहे हैं.''
मनीष तिवारी और अमित शाह के बीच हुई ये बहस
‘’कांग्रेस इस बात को स्पष्ट करे कि वह आर्टिकल 370 को हटाने के पक्ष में है कि नहीं?‘’अमित शाह, बीेजेपी
‘’आप जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की अनुमति के बिना आर्टिकल 370 को हटा नहीं सकते. जम्मू-कश्मीर संविधान सभा अपना काम करके भंग हो गई. आज अगर आप ये पढ़ना चाहें कि जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का मतलब विधानसभा है या विधान परिषद है तो यह एक संवैधानिक त्रासदी है.‘’मनीष तिवारी, कांग्रेस
इसके अलावा मनीष तिवारी ने कहा, ''भारतीय संविधान में सिर्फ आर्टिकल 370 ही नहीं है. इसमें आर्टिकल 371 A से लेकर भी हैं. ये नागालैंड, असम, मणिपुर, आंध्र, सिक्किम आदि को विशेष अधिकार देते हैं. आज जब आप आर्टिकल 370 को हटा रहे हैं तो इन राज्यों को क्या संदेश दे रहे हैं?''
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