पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. इमरान खान ने कहा है कि इस तरह के फैसलों से "पुलवामा जैसी घटनाएं" फिर से हो सकती हैं.
खान ने मंगलवार को अपने देश की संसद को बताया, "मैं पहले ही यह अनुमान लगा सकता हूं कि वे हमारे ऊपर फिर से आरोप लगाने का प्रयास करेंगे. वे फिर से हम पर हमला कर सकते हैं और हम फिर से पलटवार करेंगे."
इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में मोदी सरकार ने जो किया वो उनकी विचारधारा में शामिल है. उनकी विचारधारा नस्लवादी है. खान ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सिर्फ अपनी विचारधारा के लिए अपने देश और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.
अब वे कश्मीरी लोगों पर और भी सख्ती करेंगे. वे कश्मीरी प्रतिरोध को क्रूरता से दबाने की कोशिश करेंगे. मुझे डर है कि वे स्थानीय आबादी का सफाया करने के लिए कश्मीर में नस्लीय सफाई शुरू कर सकते हैं. इस तरह के माहौल में पुलवामा जैसी घटनाएं फिर से हो सकती हैं. मैं पहले से ही यह अनुमान लगा सकता हूं कि यह होगा. और वे फिर से हम पर दोष लगाने की कोशिश करेंगे.
खान ने कहा, ‘तब क्या होगा? वे हम पर हमला करेंगे और हम जवाब देंगे. युद्ध हो सकता है... लेकिन अगर हम युद्ध लड़ते हैं... हम अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे, तो वह युद्ध कौन जीतेगा? कोई भी नहीं जीतेगा? इसका पूरी दुनिया के लिए दुखद परिणाम होगा. यह परमाणु ब्लैकमेल नहीं है.’
जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले के मद्देनजर इमरान खान ने मंगलवार को नेशनल असेंबली के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, उनकी सरकार की प्राथमिकता में भारत के साथ संबंधों में सुधार करना था. क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए उसके सभी पड़ोसियों के साथ संबंध अच्छे होने जरूरी हैं.
बातचीत में नहीं है भारत की रूचि
इमरान खान ने कहा, "जब हमने सरकार संभाली थी, तो हमारी मुख्य प्राथमिकता हमारे देश में गरीबी को दूर करना था. हम अपने सभी पड़ोसियों तक पहुंचे, क्योंकि सामान्य संबंधों के बिना हम स्थिरता हासिल नहीं कर सकते और गरीबी को कम नहीं कर सकते हैं.
खान ने कहा, "पड़ोसी देशों में मेरी सभी यात्राएं इसी उद्देश्य के लिए थीं. मैंने अफगानिस्तान का दौरा किया, और उनसे पूछा कि हम अपने पिछले मतभेदों को दूर करने के लिए काम करते हैं. मैंने भारत से बात की, उनसे कहा कि अगर आप हमारे लिए एक कदम उठाते हैं, तो हम दो कदम आगे आएंगे. मैं ईरान गया... मैंने अमेरिका का भी दौरा किया.”
“जब मैं पहली बार भारत पहुंचा, तो उन्होंने चिंता जताई कि पाकिस्तान से आतंकवादी संगठन संचालित हो रहे हैं. मैंने (नरेंद्र) मोदी को बताया कि आर्मी पब्लिक स्कूल हत्याकांड की गंभीर और दर्दनाक त्रासदी के बाद, हमारे सभी राजनीतिक दलों ने संकल्प लिया था कि हम पाकिस्तान का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होने देंगे. लेकिन मुझे लग रहा है कि भारत बातचीत को लेकर गंभीर नहीं है. जब हम बिश्केक गए, तो उनके बातचीत की अनिच्छा पर मेरा संदेह मजबूत हो गया.”इमरान खान, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे जल्द ही पता चला कि भारत हमसे बात करने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है. उन्होंने शांति के लिए हमारी पहल को हमारी कमजोरी समझा, इसलिए हमने बातचीत के लिए पहल करना बंद कर दिया.”
कश्मीर का मुद्दा बीजेपी के घोषणा पत्र में था: इमरान खान
इमरान खान ने कहा, "फिर पुलवामा हुआ. अल्लाह का शुक्र है कि हमारी वायु सेना ने इस तरह से जवाब दिया. हमने उनके एयरक्राफ्ट को मार गिराया. पायलट को बंदी बनाया लिया, लेकिन हमने उन्हें तुरंत संदेश भेजा कि हम युद्ध नहीं चाहते. हमने संकल्प लिया कि हम भारत में चुनावों तक कश्मीर पर बातचीत के लिए आगे नहीं बढ़ेंगे. इसके बाद चुनाव हुए.”
“कल जो हुआ, उसने केवल मेरे संदेह (बात करने की भारत की अनिच्छा के बारे में) की पुष्टि की है. बीजेपी ने जो फैसला लिया है उसमें कुछ चौंकाने वाला नहीं है. यह उनके चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था. असल में ये उनकी विचारधारा में शामिल है जो हिंदुओं को अन्य सभी धर्मों से ऊपर रखता है.”
इमरान खान ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि इस मामले पर ग्लोबल लीडरशिप संज्ञान ले. मेरी पार्टी और मैं इस बात की जिम्मेदारी लेते हैं कि हम वैश्विक नेताओं के पास जाएंगे और उन्हें बताएंगे कि कश्मीर में क्या हो रहा है.’
खान ने कहा, ‘मैं पश्चिमी देशों को जानता हूं और मुझे विश्वास है कि उन्हें इस बात की पर्याप्त जानकारी नहीं है कि कश्मीर में क्या हो रहा है. मैं उन्हें बताऊंगा कि भारत सरकार कश्मीर में क्या कर रही है.’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)