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आर्टिकल 370:कश्मीर में बढ़ी पत्थरबाजी, 5-7 अगस्त के बीच 55 बार हुई

जानिए 5 अगस्त के बाद कश्मीर घाटी में किस तरह बढ़े पत्थरबाजी के मामले 

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जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद मेनस्ट्रीम मीडिया में खबर यही है कि जम्मू-कश्मीर में शांति है. लेकिन क्या ये सच है? सूत्रों ने क्विंट को बताया है कि 5 और 7 अगस्त के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी में पत्थरबाजी के 55 मामले दर्ज किए हैं.

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CrPC की धारा 144 लागू होने के बावजूद भी घाटी के कई हिस्सों में 100 से 200 प्रदर्शनकारी जमा हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू-गैस तक का इस्तेमाल किया है.

हमारे पास इस बात की सूचना नहीं है कि क्या कोई स्थानीय नागरिक प्रदर्शन के दौरान घायल हुआ था. ना ही हमारे पास किसी प्रदर्शनकारी को हिरासत में लिए जाने से जुड़ी कोई जानकारी है.
सुरक्षाबल के एक अधिकारी

6 अगस्त को श्रीनगर में पत्थरबाजी के 5 बड़े मामले

  • सुबह 11:30 बजे 150-200 प्रदर्शनकारी जुटे
  • शाम 5 बजे 150-200 प्रदर्शनकारी जुटे
  • शाम 7 बजे 150-200 प्रदर्शनकारी जुटे
  • शाम 7:50 बजे 150-200 प्रदर्शनकारी जुटे
  • रात 8 बजे 120-150 प्रदर्शनकारी जुटे
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5 अगस्त के बाद इस तरह बढ़े पत्थरबाजी के मामले

  • 5 अगस्त को घाटी में पत्थरबाजी के 13 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 11 मामले श्रीनगर के थे, जबकि 1 मामला अवंतीपोरा और 1 बांदीपोरा का था. इस दौरान CRPF के 3 जवान घायल हुए थे. हालांकि स्थानीय लोगों के घायल होने की संख्या का पता नहीं चल सका है.
  • 6 अगस्त को घाटी में पत्थरबाजी के 20 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 18 मामले श्रीनगर के थे, जबकि बाकी 2 पुलवामा के थे. इस दौरान CRPF के 12 जवान घायल हुए थे. स्थानीय लोगों के घायल होने से जुड़ा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.
  • 7 अगस्त को घाटी में पत्थरबाजी के 22 मामले दर्ज हुए. इनमें से 20 मामले श्रीनगर में, जबकि बाकी 2 पुलवामा में दर्ज हुए. इस दौरान CRPF का एक जवान घायल हुआ. यहां भी स्थानीय लोगों के घायल होने से जुड़ा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर में CRPF के करीब 65,000 जवान तैनात हैं. सुरक्षाबल के एक अधिकारी ने क्विंट को बताया, ''7 अगस्त को हमने श्रीनगर में स्थानीय लोगों को दूध, ब्रेड और पैक्ड फूड जैसी जरूरी चीजें मुहैया कराईं.''

ये भी देखें: आम जनता ने खेला ‘आर्टिकल 370’ पर क्विज, मिला अजब-गजब जवाब

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