दिल्ली NCB की एक विशेष जांच टीम (SIT) आर्यन खान (Aryan Khan) मामले सहित छह मामलों की जांच को अपने हाथ में लेने के एक दिन बाद मुंबई पहुंच गई है. आगे मामलों को लीड करने वाले नए जांच अधिकारी संजय कुमार सिंह ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सभी छह मामलों में समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की मदद ली जाएगी क्योंकि वो मुंबई NCB यूनिट के डायरेक्टर हैं.
"हमने छह मामलों को अपने हाथ में ले लिया है. वो (समीर वानखेड़े) मुंबई के जोनल डायरेक्टर हैं, हम निश्चित रूप से जांच में उनकी सहायता लेंगे."
गौरतलब है कि 5 नवंबर को इन छह मामलों को दिल्ली NCB की विशेष टीम को ट्रांसफर करने के निर्णय को एजेंसी द्वारा एक प्रशासनिक निर्णय बताया गया.
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया जब समीर वानखेड़े जबरन वसूली के आरोपों और अन्य अनियमितताओं पर एजेंसी के आंतरिक जांच का सामना कर रहे हैं. समीर वानखेड़े के खिलाफ महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी वसूली और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के इस्तेमाल का आरोप लगाया है.
NCB और वानखेड़े का स्टैंड- जांच से किसी को नहीं हटाया गया
केंद्रीय एजेंसी ने शुक्रवार, 5 अक्टूबर को एक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि केस का ट्रांसफर केस के "राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव" के कारण हुआ है.
"किसी भी अधिकारी या अधिकारियों को उनकी वर्तमान भूमिकाओं से नहीं हटाया गया है और वो तब तक जांच में सहायता करना जारी रखेंगे जब तक कि इसके विपरीत कोई विशेष आदेश जारी नहीं किया जाता है".NCB
केस ट्रांसफर करने के फैसले की घोषणा के बाद समीर वानखेड़े ने भी सफाई देते हुए कहा था कि "मुझे जांच से नहीं हटाया गया है. अदालत में मेरी रिट याचिका थी कि मामले की जांच केंद्रीय टीम से की जानी चाहिए. इसलिए आर्यन मामले और समीर खान मामले की जांच दिल्ली एनसीबी की एसआईटी द्वारा की जा रही है. यह दिल्ली और मुंबई की एनसीबी टीमों के बीच कॉर्डिनेशन है."
NCB का यह भी कहना है कि समीर वानखेड़े वास्तव में कभी भी इन मामलों की जांच नहीं कर रहे थे. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया है कि समीर वानखेड़े NCB के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी हैं और किसी भी मामले के जांच अधिकारी बनने के लिए बहुत सीनियर हैं. अधिकारी ने कहा-
"वो सिर्फ क्षेत्र की किसी भी जांच की निगरानी करते हैं. इसलिए ये कहना निराधार है कि समीर वानखेड़े इन छह मामलों की जांच करना बंद कर देंगे. वास्तव में, वो कभी भी इन मामलों की जांच नहीं कर रहे थे."
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