राजस्थान कांग्रेस में संकट (Rajasthan Congress Crisis) के शुरू होने के चार दिन बाद सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की रेस से बाहर हो गए हैं. गहलोत और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई. बैठक के बाद बाहर आये गहलोत ने मीडिया को बताया कि उन्होंने वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार नहीं होंगे. राजस्थान में अपने वफादार विधायकों के खुलेआम विद्रोह की "नैतिक जिम्मेदारी" लेते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान संकट पर सोनिया गांधी से माफी मांगी है. आइए जानते हैं कि अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को दिए माफीनामे में क्या लिखा?
दस जनपथ पर जब सीएम अशोक गहलोत की कार की एंट्री हुई तो उनके हाथ में माफीनामे की कॉपी थी जिसकी तस्वीर सामने आई है. माफीनामे के अनुसार उन्होंने सोनिया गांधी से कहा है कि " जो हुआ बहुत दुखद है, मैं भी बहुत आहत हूं." उसमें सबसे ऊपर शुरुआत में ही ये लाइन लिखी हुई थी. उन्होंने अपने इस माफीनामा में सचिन पायलट के साथ छह विधायक होने का जिक्र भी किया.
बता दें कि अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार की पहली पसंद के रूप में देखा गया था, लेकिन राजस्थान में गहलोत के वफादार कांग्रेसी विधायकों ने जिस तरफ सचिन पायलट को नेता मानने के खिलाफ विद्रोह किया, उससे आलाकमान को नाराज किया है.
90 से अधिक अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने इस बात पर सामूहिक इस्तीफे दे दिया कि यदि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में शामिल होते हैं, तो उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को सौंपनी होगी.
हालांकि माना जा रहा है गहलोत पार्टी प्रमुख पद के साथ राजस्थान में अपनी भूमिका को बनाए रखना चाहते थे, लेकिन राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते ही स्पष्ट किया कि यह संभव नहीं है क्योंकि पार्टी "एक व्यक्ति, एक पद" के अपने संकल्प पर कायम रहेगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)