हरियाणा के आसिफ खान की मौत के मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. उसके घर वाले और पड़ोसी इसे लिंचिंग का मामला बता दे रहें हैं. आसिफ के घरवालों का आरोप है कि आसिफ 16 मई को दवाई लेकर लौट रहा था, तभी भीड़ ने उस पर हमला कर दिया. ये मामला मेवात के खालीपुर खेड़ा गांव का है.
आसिफ के तीन बच्चे हैं, बड़ा बेटा 6 साल का, दूसरा बेटा 4 साल का और एक 5 महीने का है. आसिफ के रिश्तेदारों ने उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था. वो आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने 17 मई की शाम को 6 लोगों को गिरफ्तार किया.
ये गिरफ्तारी आसिफ के पिता जाकिर हुसैन के एफआईआर दर्ज कराने के बाद हुई, उन्होंने 15 लोगों के खिलाफ शिकायत की थी.
आरोपियों के खिलाफ सेक्शन 148, 149 और 302 (हत्या) 365 (किडनेपिंग ) के तहत केस दर्ज किया गया है. एफआईआर के मुताबिक आरोपियों के नाम- पटवारी एलियास, आडवाणी, भीम, रिषि, सोना. कोटा, अनुप, महेद्र, कुलदीप, राजू काला, संदीप है. ये सारे आरोपी भी उसी गांव के हैं.
16 मई की रात क्या हुआ?
आसिफ के घरवालों के मुताबिक आसिफ जो कि पेशे से बॉडी बिल्डर और जिम ट्रेनर भी था, वो 16 मई की रात सोहना से दवाई लेकर आ रहा था. उसकी गाड़ी का तीन कारों ने पीछा किया, जिसमें करीब 15 लोग बैठे हुए थे.
आसिफ के पिता जाकिर का कहना है कि उनका बेटा, उनके 2 भतीजों रासिद और वासिफ के साथ सोहना से लौट रहा था, तभी ये घटना घटी, उनका आरोप है कि आरोपियों ने साथ मिलकर उनके बेटे पर हमला बोल दिया और उसकी गाड़ी को चारों तरफ से हिट किया.
आरोप है कि हमलावरों ने तीनों पर हमला किया, जिसमें आसिफ की मौत हो गई और राशिद की हालत गंभीर है, वहीं वासिफ की हालत पहले से बेहतर है. हमले में सही सलामत बचे वासिफ ने बताया कि हमले के बाद उनकी कार पलट गई थी. उन लोगों ने आसिफ को कार से बाहर निकाला और उसकी हत्या कर दी.
आसिफ के पिता ने बताया कि उनके बेटे का हाथ और पैर आरोपियों ने तोड़ दिया था. जब उनको आसिफ की बॉडी मिली तो उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे. घटना के दूसरे दिन 17 मई को गांव में भारी पुलिस बल तैनात हुई, आसिफ के घरवालों ने कहा कि जबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वो उसको नहीं दफनाएंगे. कुछ घंटों के तनाव के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, तब जाकर उसको दफनाया गया.
पुरानी रंजिश का शक
गांववालों का कहना है कि लड़कों के बीच तीन महीने पहले भी लड़ाई हुई थी. आसिफ के एक पड़ोसी मोहम्मद इलियास ने बताया कि तीन महीने पहले ही इन लोगों के बीच लड़ाई हुई थी, बाद में पुलिस ने आकर दोनों के बीच समझौता कराया था.
इलियास के अलावा वासिफ ने भी इस बात को कंफर्म किया कि कुछ दिनों पहले आसिफ की उन लोगों से साथ लड़ाई हुई थी. “छोटी मोटी रंजिश हुई थी, लेकिन हमें कोई ऐतबार नहीं थआ कि ऐसा कुछ हमला कर देंगे.
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