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NRC: असम सरकार ने बनाए नए ट्रिब्यूनल, फैसले तक किसी को हिरासत नहीं

फाइनल नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स 31 अगस्त को पब्लिश होगा.

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असम सरकार ने 26 अगस्त को सभी 33 जिलों में उन लोगों की अपील पर सुनवाई के लिए फॉरनर्स ट्रिब्यूनल बनाए हैं, जो फाइनल नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) से छूट गए हैं. ये ट्रिब्यूनल सब-डिविजन के हिसाब से बनाए गए हैं. बता दें कि फाइनल NRC 31 अगस्त को पब्लिश होगा.

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सरकार ने यह भी कहा है कि जिन लोगों का नाम NRC में नहीं है, उनको फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के फैसले तक हिरासत कैंपों में नहीं भेजा जाएगा.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, असम सरकार के गृह और राजनीतिक विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कुमार संजय कृष्णा के हस्ताक्षर वाले एक नोटिस में कहा गया है- ''फॉरनर्स एक्ट, 1946 और फॉरनर्स ट्रिब्यूनल ऑर्डर, 1964 के प्रावधानों के मुताबिक, सिर्फ फॉरनर्स ट्रिब्यूनल को ही किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है. इसलिए अगर NRC में किसी व्यक्ति का नाम नहीं है तो महज इससे ही वह विदेशी घोषित नहीं हो जाएगा.''

'NRC के आखिरी प्रकाशन के बाद भी कमियां दूर कर सकती है सरकार'

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 19 अगस्त को संकेत दिया था कि NRC के आखिरी प्रकाशन के बाद अगर इसमें कमियां रहती हैं तो उनसे निपटने के लिए सरकार विधायी विकल्पों पर विचार कर सकती है. सोनोवाल ने कहा था कि असम सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, 31 अगस्त को NRC का प्रकाशन शांतिपूर्ण ढंग से किए जाने को सुनिश्चित करेगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एक सवाल के जवाब में सोनोवाल ने कहा था,

“लोकतंत्र में हर किसी को सवाल पूछने का अधिकार है. NRC के प्रकाशन के बाद, अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो जो भी जरूरी होगा हम वो कदम उठाएंगे.”
सर्वानंद सोनोवाल, मुख्यमंत्री, असम

दरअसल सोनोवाल से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या सरकार आखिरी NRC में गलत तरीके से शामिल हो गए नामों से निपटने के लिए विधायी विकल्पों पर विचार करेगी?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने केंद्र और असम सरकार की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिसमें गलत तरीके से नामों के शामिल होने की जांच के लिए नमूना पुनर्सत्यापन का अनुरोध किया गया था.

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