सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मध्यस्थता होगी. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए तीन सदस्यों का पैनल बनाया है. कोर्ठ ने कहा है कि एक हफ्ते के भीतर मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए.
कोर्ट ने कहा है कि मध्यस्थता करने वाले तीन सदस्यीय पैनल को 4 हफ्तों में अपनी शुरुआती रिपोर्ट देगी होगी और 8 हफ्तों में अपनी पूरी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी होगी.
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अयोध्या मामले को मध्यस्थता के लिए सौंपे जाने पर यह बोलीं उमा भारती
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह बोले श्री श्री रविशंकर
सुप्रीम की तरफ से अयोध्या मामले की मध्यस्थता की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद श्री श्री रविशंकर ने कहा, ''मैंने अभी इस खबर को सुना है. मुझे लगता है कि यह देश के लिए अच्छा होगा, मध्यस्थता ही एकमात्र रास्ता है.''
इसके अलावा उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''सबका सम्मान करना, सपनों को साकार करना, सदियों के संघर्ष का सुखांत करना और समाज में समरसता बनाए रखना - इस लक्ष्य की ओर सबको चलना है.''
श्री श्री रविशंकर को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने जताई आपत्ति
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि अगर मुस्लिम अयोध्या पर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे तो भारत सीरिया बन जाएगा. अच्छा होता कि सुप्रीम कोर्ट एक निष्पक्ष इंसान को (अयोध्या मामले में मध्यस्थता की) जिम्मेदारी सौंपता.''
जफरयाब जिलानी बोले- हम मध्यस्थता के पक्ष में
AIMPLB के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा, ''हम पहले ही कह चुके हैं कि हम मध्यस्थता में सहयोग करेंगे. अब हम जो भी कहेंगे, वो मध्यस्थता वाले पैनल से कहेंगे, बाहर कुछ नहीं बोलेगे.''