अयोध्या के राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में सात साल बाद एक बार फिर सुनवाई शुरू होने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 5 दिसंबर से इस मामले की अंतिम सुनवाई शुरू की जाएगी.
कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा कि वे जिन दस्तावेज को आधार बना रहे हैं, उनका 12 हफ्तों के भीतर अंग्रेजी में अनुवाद करायें. ये दस्तावेज आठ भाषाओं में हैं.
राम जन्मभूमि केस की सुनवाई
- ऐतिहासिक दस्तावेजों का अनुवाद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिया तीन महीने का समय
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले हम दो मुख्य पक्षों को चुनेंगे.
- सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से अपने कागजात तैयार रखने को कहा है
- सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुवाद का काम अभी पूरा नहीं हुआ है
- कोर्ट ने कहा है कि यह कार्यवाही पूरी करने के लिये निर्धारित समय सीमा अंतिम है और इसके बाद सुनवाई स्थगित नहीं की जायेगी
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर 7 साल बाद सुनवाई शुरू करने जा रही है. कोर्ट ने इस मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की है.
कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा कि वे जिन दस्तावेज को आधार बना रहे हैं , उनका 12 सप्ताह के भीतर अंग्रेजी में अनुवाद करायें. ये दस्तावेज आठ भाषाओं में हैं. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि हाई कोर्ट में मालिकाना हक के वाद का निर्णय करने के लिये दर्ज साक्ष्यों का अनुवाद 10 सप्ताह के भीतर पूरा करायें. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह कार्यवाही पूरी करने के लिये निर्धारित समय सीमा अंतिम है और इसके बाद सुनवाई स्थगित नहीं की जायेगी.
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