अयोध्या जिला प्रशासन ने न्यूज चैनलों से कहा है कि वे अगले हफ्ते राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान अयोध्या से चर्चा पर आधारित जो भी कार्यक्रम प्रसारित करेंगे, उनमें अयोध्या भूमि विवाद मामले से जुड़ा कोई वादकारी शामिल नहीं होना चाहिए.
प्रशासन ने एक परामर्श में कहा है कि अगर भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान चैनल अयोध्या से किसी चर्चा या कार्यक्रम का प्रसारण कर रहे हैं तो उसमें किसी व्यक्ति या धर्म के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. परामर्श के मुताबिक, समाचार चैनलों को कोई कार्यक्रम करने से पहले अनुमति लेनी होगी और प्राधिकारियों को एक शपथ पत्र भी देना होगा.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रशासन ने जो प्रारूप तैयार किया है, उसके हिसाब से, शपथ पत्र बताता है कि चैनलों की वजह से अगर कानून व्यवस्था से जुड़ी कोई स्थिति पैदा होती है तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हाउसेज के हेड्स को जबावदेह माना जाएगा.
जिस शपथपत्र पर मीडिया हाउसेज के हेड्स को हस्ताक्षर करने हैं, उसमें कहा गया है, ‘’कानून व्यवस्था को बनाए रखा जाएगा और अगर किसी प्रकार की कोई गड़बड़ होगी तो इसकी जिम्मेदारी मेरी व्यक्तिगत रूप से होगी.’’
डिबेट शो को लेकर शपथपत्र में इस बात की गारंटी देनी होगी- ''इस कार्यक्रम में किसी विवादित पक्षकार को नहीं बुलाया जाएगा.''
चैनलों से यह भी कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखा जाए, पैनलिस्ट के अलावा उनकी रिकॉर्डिंग में कोई भीड़ न हो.
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