पार्ले जी बिस्किट बनाने वाली कंपनी पार्ले प्रोडक्ट्स ने 12 अक्टूबर को कहा कि 'वो अपने प्रोडक्ट्स को टॉक्सिक और एग्रेसिव भारतीय मीडिया चैनलों पर एडवरटाइज नहीं करेगी.' ये ऐलान ऐसे समय में हुआ है, जब 8 अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने 'TRP घोटाले' का भंडाफोड़ किया था.
लाइवमिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्ले प्रोडक्ट्स के सीनियर केटेगरी हेड कृष्णाराव बुद्धा ने कहा कि कंपनी उन न्यूज चैनलों पर एडवरटाइज नहीं करेगी, जो 'टॉक्सिक कंटेंट ब्रॉडकास्ट' करते हैं.
बुद्धा ने कहा कि वो ऐसी संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं, जहां दूसरे एडवटाइजर भी 'टॉक्सिसिटी' ब्रॉडकास्ट करने वाले चैनलों पर एडवरटाइजिंग की रोकथाम कर सकें.
इससे पहले 8 अक्टूबर को इंडस्ट्रियलिस्ट और बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने CNBC TV18 को बताया कि उनकी कंपनी ने एडवरटाइजिंग के लिए 'तीन चैनलों को ब्लैकलिस्ट' किया है. बजाज ने कहा कि कंपनी 'टॉक्सिसिटी' का समर्थन नहीं करना चाहती.
लाइवमिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, बजाज ने कहा, "एक स्ट्रॉन्ग ब्रांड एक नींव होता है, जिस पर आप एक स्ट्रॉन्ग बिजनेस खड़ा करते हैं. आखिर में एक स्ट्रॉन्ग बिजनेस का मकसद समाज में कुछ योगदान देना है. हमारा ब्रांड कभी ऐसी किसी चीज के साथ नहीं जुड़ा, जो हमें लगता है कि समाज में टॉक्सिसिटी का कारण है."
एक मीडिया बायर ने लाइवमिंट को बताया कि TRP विवाद सामने आने के बाद से एडवरटाइजिंग कंपनियों के पास क्लाइंट की तरफ से इन्क्वायरी आने लगी हैं.
लाइवमिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने बताया कि कंपनियां इन चैनल पर इन्क्वायरी खत्म होने तक पैसा खर्च करती रहेंगी.
ऑटोमोबाइल कंपनी के एक एग्जीक्यूटिव ने कहा कि अगर TRP घोटाले में रिपब्लिक टीवी दोषी पाया गया, तो कंपनी दूसरे चैनल के पास चली जाएगी.
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