चार साल का बैन लगने के बाद नरसिंह यादव का ओलंपिक में खेलने का सपना टूट गया. अब उन्होंने अपनी समस्या को बाकी भारतीय पहलवानों के खराब प्रदर्शन की वजह बताया है.
सोमवार सुबह पीवी सिंधु और दीपा कर्माकर समेत बाकी भारतीय खिलाड़ी भी भारत लौटे. उनमें पहलवान नरसिंह यादव भी थे. भीगी पलकों के साथ. मायूसी में डूबे हुए.
2 हफ्ते पहले जब वह रियो जा रहे थे तो उनकी आंखो में एक चमक थी. लेकिन अब वे परेशान हैं. इंडिया टुडे की खबर की मानें, तो नरसिंह ने अपने मामले में दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है.
जो भी हुआ गलत हुआ. ऐसे हालात में कोई भी आदमी स्पोटर्स में अपना करियर नहीं बनाना चाहेगा. मैं यहां मांग करता हूं कि इसके पीछे जो भी है उसे सजा मिलनी चाहिए. मैं मानता हूं कि देश के लिए मेडल जीतने के काफी करीब था. लेकिन सीएएस ने आखिरी मौके पर निर्णय सुनाकर लोगों का सपना तोड़ दिया.पहलवान नरसिंह यादव
योगेश्वर और संदीप भी हारे
नरसिंह ने कहा कि सीएएस के इस फैसले का असर योगेश्वर दत्त और संदीप तोमर के प्रदर्शन पर भी पड़ा. उन्होंने कहा, “अगर मूड ठीक होता है, तो हर कोई अच्छा खेलता है. संदीप को देखो. काबिलियत होने के बावजूद नहीं खेल पाया. योगेश्वर भी हार गया. जबकि हम एक साथ ट्रेंड हुए थे. हम एक दूसरे की जीत की कामना करते है. पोजिटिव माहौल हमारा आत्मविश्वास बढ़ाता है.”
नरसिंह ने न्याय संस्था सीएएस पर समय न देने का आरोप लगाया, जिस वजह से वह वकील नहीं बुला पाए.
मैंने सीएएस से कुछ समय मांगा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इतने कम समय में मेरा वकील नहीं आ सकता था. पिछले 3-4 महीने से हालात मेरे काबू में नहीं थे, लेकिन मैं दिमाग से खेलने के लिए बिल्कुल तैयार था.पहलवान नरसिंह यादव
साजिश है फंसाने की
नरसिंह कहते हैं कि उन्हें गलत ढंग से इस मामले में फंसाया गया. इसलिए मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए. इसके लिए नरसिंह ने पीएम मोदी से अपील भी की.
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