8 नवंबर की शाम फैसला आया. 500 और 1000 रुपये के नोट बैन का फैसला. देश में हाहाकार मच गया. लोगों ने 100-100 के नोट तलाशना शुरु कर दिया. लेकिन गुड़गांव, नोएडा और सूरत में लोगों के माथे पर पसीना था. स्मार्टफोन पर उंगलियां चल रही थीं. रात बीत रही थी. पर एक तलाश यहां भी जारी थी...काले धन को सफेद करने के तरीकों की तलाश.
रात बीतती रही, तलाश जारी रही
पीएम मोदी के इस फैसले के बाद पूरे देश में लोग आधी रात तक काले धन को सफेद में बदलने के तरीकों की खोज करते रहे.
गुड़गांव से नोएडा तक गूगल पर डटे रहे लोग
ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने के तरीके खोजने में गुड़गांव, वडोदरा, नोएडा, सूरत और चंडीगढ़ ने बाजी मारी. ये पांचो शहर टॉप पर रहे.
अगर प्रदेशों की बात करें तो हरियाणा, गुजरात, पंजाब, नई दिल्ली और कर्नाटक टॉप पर रहे.
लोगों को चाहिए स्विस बैंक का एड्रैस
इसमें सबसे खास बात ये है कि 8 नवंबर के बाद से भारत में लोगों ने ‘स्विस बैंक ब्लैक मनी’ कीवर्ड को अचानक से सर्च करना शुरु कर दिया है. इनमें असम, उड़ीसा, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश सबसे ज्यादा सर्च करने वाले राज्य बने हैं.
वहीं, कलकत्ता, सिकंदराबाद और गुवाहाटी में लोग स्विस बैंक में ब्लैक मनी रखने के तरीके जानने की कोशिश करते रहे.
सबसे बड़ा सवाल - आखिर काला धन कैसे हो सफेद?
बीते दो दिनों में लोगों के लिए सबसे बड़ा सवाल ये बना हुआ है कि आखिर काले धन को सफेद में कैसे बदला जाए. गूगल पर सर्च ट्रैंड्स भी इसे साबित करते हैं.
ये तो बस शुरुआत है क्योंकि केंद्र सरकार काले धन पर लगातार बड़े फैसले ले रही है. ऐसे में काला धन रखने वालों के लिए उनका ही पैसा मुसीबत का सबब बन सकता है.
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