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NRC पर बोला बांग्लादेश- अपनी आंखें खुली रखे हुए हैं हम

बांग्लादेश के विदेश सचिव शहिदुल हक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना रुख साफ किया 

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बांग्लादेश ने कहा है कि वैसे तो भारत का कहना है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) देश का आंतरिक मामला है लेकिन हम असम में उससे जुड़े घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. बांग्लादेश के विदेश सचिव शहिदुल हक ने 5 अक्टूबर को बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठाया था.

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हक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

‘‘हमें बताया गया है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है. हमारा संबंध अभी अपनी सर्वोच्च ऊंचाई पर है, लेकिन साथ ही हम अपनी आंखें खुली रखे हुए हैं.’’
शहिदुल हक, बांग्लादेश के विदेश सचिव

वहीं, काफी समय से लंबित बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते के बारे में हक ने संकेत दिया कि अगर भूटान इसका हिस्सा नहीं बनता तो भारत, नेपाल और बांग्लादेश इस पर हस्ताक्षर करेंगे. बता दें कि बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (बीबीआईएन) मोटर वाहन समझौते का लक्ष्य चारों देशों के बीच परिवहन को बेहतर बनाना है.

असम से अवैध बांग्लादेशियों को प्रत्यर्पित करने संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के बयान से जुड़े सवाल पर हक ने कहा, ‘‘इस स्तर पर अभी हमें राई का पहाड़ नहीं बनाना चाहिए और हमें इंतजार करना चाहिए.’’

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारतीय पक्ष ने हसीना को बताया है कि NRC का प्रकाशन कोर्ट की निगरानी में पूरी हुई प्रक्रिया है और अभी इसका अंतिम रूप सामने आना बाकी है. ऐसे में हक का कहना है कि बांग्लादेश अभी इसे लेकर चिंतित नहीं है.

भारत-बांग्लादेश ने 7 समझौतों पर किए हस्ताक्षर

भारत और बांग्लादेश ने अपने संबंधों को विस्तार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच बातचीत के बाद 5 अक्टूबर को 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान एलपीजी निर्यात समेत 3 परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया गया.

बांग्लादेश के विदेश सचिव शहिदुल हक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना रुख साफ किया 
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और पीएम नरेंद्र मोदी 
(फोटो: @narendramodi/ट्विटर)

इनमें से एक परियोजना बांग्लादेश से एलपीजी के आयात से संबंधित है. आयातित एलपीजी का भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में वितरण किया जाएगा. बता दें कि भारत-बांग्लादेश ने जो समझौते किए हैं वो जल संसाधन, युवा मामलों, संस्कृति, शिक्षा और तटीय निगरानी से संबंधित हैं.

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