बार एसोसिएशन ने अपनी एनुअल जनरल मीटिंग में स्पेशल पैकेज की मांग की है. 12 सितंबर को एसोसिएशन की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से लोगों को कानूनी मदद लेने में दिक्कत हो रही है और सरकार की ताकत बढ़ गई है.
गवर्निंग काउंसिल की वर्चुअल बैठक में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की बार एसोसिएशन के चुने हुए प्रतिनिधि और नामांकित व्यक्ति शामिल हुए. ये बैठक पदाधिकारियों और एग्जीक्यूटिव कमेटी को चुनने के लिए की गई थी.
एसोसिएशन के नए चुने गए पदाधिकारी
प्रशांत कुमार - अध्यक्ष
एएस चंडीओक- निर्वाचित अध्यक्ष
डॉ आनंदिता पुजारी - महासचिव
प्रस्ताव में क्या कहा गया?
बैठक में कहा गया कि पांच महीने से जारी महामारी की वजह से न्याय व्यवस्था में दिक्कत आई है और न्याय तक पहुंच सीमित हो गई है. बैठक में पास किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि 'न्याय और लीगल मदद तक खास पहुंच के लिए एक पैकेज बनाने और उसे लागू करने' की तुरंत जरूरत है.
एसोसिएशन ने कहा कि ये प्रस्ताव लीगल मदद के केस ऐसे वकीलों को दिया जाए, जो महामारी में वित्तीय दिक्कतों से गुजर रहे हैं. बैठक में कहा गया, “ऐसा करने से वकीलों की वित्तीय स्थिति में मदद होगी और लीगल व्यवसाय की मर्यादा और स्वतंत्रता भी बची रहेगी.”
'महामारी में सरकार की ताकत बढ़ी'
प्रस्ताव में कहा गया कि चिंता की बात है 'महामारी में सरकार की ताकत बढ़ गई है और खासकर पुलिस और बाकी दूसरी ऐसी एजेंसियों की ताकत'. इसकी वजह से ताकत के गलत इस्तेमाल के मौके बढ़ गए हैं और इसका प्रभाव सबसे ज्यादा गरीब लोगों पर हो रहा है.
मजबूत और पूरी तरह काम कर रही न्याय व्यवस्था लोकतांत्रिक शासन की नींव है और कानून के राज का आधार है.प्रस्ताव में कहा गया
बार एसोसिएशन का कहना है कि कई स्तरों पर अदालतों के पूरी तरह दोबारा काम शुरू करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कदमों का पालन हो सके.
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