बीती 12 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने बिहार से आने वाले जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया. उन पर आरोप था देेश के साथ द्रोह करने का. लेकिन, अब कन्हैया आजाद हैं. और, उनकी आजादी का जश्न जेएनयू ही नहीं, उनकेे पैतृक गांव बिहट से लेकर पूरेे बेगूसराय में मनाया जा रहा है.
आजाद हुआ गांव का लाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने कल बुधवार की शाम 10 हजार रुपए के मुचलके पर कन्हैया कुमार को अंतरिम जमानत दी है. लेकिन, उनके रिहा होने की खबर का जितना इंतजार जेएनयू छात्रों को था. उससे ज्यादा इंतजार उनके गांव बिहट और जिले बेगुसराय में था. लोग कन्हैया की रिहाई की खबर पाने के लिए पूरे दिन टीवी से चिपके रहे.
फिर मनाई होली और दिवाली
कन्हैया के आजाद होने की खबर फैलते हुई उनके गांव में लोगों ने एक साथ होली व दीपावली मनाई.
पिता ने कहा, देशभक्त है मेरा बेटा
अदालत से जमानत मिलने के बाद कन्हैया के अस्वस्थ पिता जयशंकर सिंह ने कहा कि मेरा बेटा देशभक्त है. इधर, कन्हैया के भाई प्रिंस कुमार ने अपने भाई को जमानत पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि मेरे भाई के खिलाफ साजिश की गयी थी, जो आज सामने आ गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)