महान संतूर वादक और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित पंडित भजन सोपोरी (Pandit Bhajan Sopori passes away) का गुरुवार, 2 जून को गुड़गांव में निधन हो गया. उनका गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में इलाज चल रहा था.
1948 में श्रीनगर में पंडित भजन लाल के रूप में जन्मे, पंडित भजन सोपोरी ने संतूर - एक शास्त्रीय भारतीय संगीत वाद्ययंत्र में महारत हासिल की. पंडित भजन सोपोरी जी भारतीय शास्त्रीय संगीत के सूफियाना घराने से ताल्लुक रखते थे.
भारतीय संगीत और संस्कृति में उनके योगदान के लिए पंडित भजन सोपोरी को पद्मश्री, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रीय कालिदास सम्मान, जम्मू-कश्मीर सरकार लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, जम्मू-कश्मीर सरकार नागरिक पुरस्कार, मिस्र के अरब गणराज्य द्वारा राष्ट्रीय ध्वज सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.
पांच साल की उम्र पर ही स्टेज पर किया परफॉर्म
पंडित भजन सोपोरी ने साल 1953 में महज पांच साल की उम्र में अपना पहला स्टेज परफॉरमेंस दिया. उन्होंने अपने कई दशकों के करियर में मिस्र, इंग्लैंड, जर्मनी और साथ ही अमेरिका में परफॉर्म किया.
उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत अपने दादा एससी सोपोरी और पिता शंभू नाथ से सीखा. पंडित भजन सोपोरी ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में संगीत भी पढ़ाया.
सोपोरी को भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान के लिए 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2004 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा,केके को भी खोया हमने
पिछले महीने ही महान संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. वह पिछले छह महीने से किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और उनका डायलिसिस भी चल रहा था.
भारत अभी सिधूमूसेवाला के हत्या से दुःख से उबर पाता उससे पहले ही सिंगर केके को भी खो दिया. आवाज के जादूगर केके का निधन भी कार्डियक अरेस्ट के कारण ही कोलकाता में महज 53 साल की उम्र में हो गया.
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