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भोपाल गैंगरेप: 52 दिनों में फैसला, जिंदगी भर जेल में रहेंगे दोषी

31 अक्टूबर को UPSC की कोचिंग से लौट रही लड़की से चार लोगों ने किया था गैंगरेप

Published
भारत
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भोपाल गैंगरेप मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों आरोपियों को उनकी मौत होने तक उम्रकैद की सजा सुनाई है. शनिवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सेशन जज सविता दुबे ने फैसला सुनाया.

रेप कांड के बाद मध्यप्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठा था. असंवेदनशील तरीके से मामले को हैंडिल करने पर पुलिस भी निशाने पर आई थी.

घटना 31 अक्टूबर की है. राजधानी के सबसे व्यस्त इलाके एमपी नगर में रेलवे ट्रैक के पास दोषियों ने घटना को अंजाम दिया था.

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क्या है मामला

पीड़ित लड़की अपने होमटाउन से रोज एक घंटे का सफर तय करके भोपाल में यूपीएससी की कोचिंग के लिए आती थी. 31 अक्टूबर को पीड़ित कोचिंग क्लास खत्म करके छोटे रास्ते से ट्रैक पर पैदल चलते हुए हबीबगंज स्टेशन की ओर जा रही थी.

शाम करीब 7 बजे गोलू बिहारी चधर नाम के एक व्यक्ति ने उसके हाथ को पकड़ लिया. उसके बाद लड़की ने उसे लात मारी और वो गिर गया. जिसके बाद गोलू ने अपने साथी अमर को बुलाया और वो दोनों लड़की को घसीटकर एक छोटी सी पुलिया के नीचे ले गए. लड़की लड़ती रही और उसने उन्हें पत्थर भी मारे , गुस्से में आकर आरोपियों ने पीड़ित को मारा और फिर उसे बांध दिया.

इसके बाद दोनों ने पीड़ित से रेप किया. पीड़ित के कपड़े पूरी तरह से फट चुके थे तो उसने उनसे कपड़े मांगे. गोलू वापस गया और उसके लिए अपनी पत्नी के कपड़े ले आया. दोनों अपने साथ दो दूसरे आरोपियों राजेश और रमेश को लेकर आए. इन्होंने भी लड़की से ज्यादती की.

चारों रात 10 बजे तक लड़की के साथ बेरहमी करते रहे और फिर उसके कान की बाली, फोन और घड़ी छीनने के बाद उसे जाने दिया.

पुलिस पर लगा था लापरवाही का आरोप

पीड़ित किसी तरह हबीबगंज स्टेशन के पास आरपीएफ आउटपोस्ट पहुंची और अपने माता-पिता को बुलाया. अपनी बच्ची को इतना डरा हुआ और घायल देखकर माता-पिता उसे घर ले गए.

अगली सुबह, परिवार शिकायत दर्ज कराने के लिए दर-दर भटकता रहा. परिवार हबीबगंज जीआरपी, एमपी नगर थाना और हबीबगंज पुलिस स्टेशन भटकता रहा. थाने में एक पुलिस ऑफिसर ने पीड़ित लड़की का मजाक उड़ाया और उसपर फिल्मी कहानी बनाने का आरोप लगाया.

हबीबगंज से लौटते हुए पीड़ित लड़की ने दो आरोपियों को मानसरोवर कॉम्प्लेक्स के सामने देखा और पहचान लिया. माता-पिता और पीड़ित ने उनका पीछा करके उन्हें पकड़ लिया और जीआरपी हबीबगंज के हवाले कर दिया. इसके बाद दो और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

पुलिसवालों पर हुई थी कार्रवाई

सरकार ने मामले में तीन थाना प्रभारी और दो सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया था. वहीं एमपी नगर क्षेत्र के सिटी SP कुलवंत सिंह को लाइन अटैच किया गया था.

मामले में पुलिस की लापरवाही की भूमिका की जांच का जिम्मा डीआईजी सुधीर लाड़ को दिया गया था. उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी.

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