किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के चार महीने पूरे होने पर 26 मार्च को 'संपूर्ण भारत बंद' का ऐलान किया था. हालांकि, इस बंद का असर राजधानी दिल्ली में काफी कम दिखा. सड़कों पर दिक्कत-परेशानी की कोई खबर सामने नहीं आई और मेट्रो, बड़े बाजार आम दिनों की तरह ही खुले रहे.
टिकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ शहर और ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशनों के एंट्री गेट कुछ समय के लिए एहतियातन बंद किए गए थे, लेकिन कुछ ही समय में वो भी खोल दिए गए.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 25 मार्च को लोगों से 'भारत बंद' को सफल बनाने की अपील की थी. बंद सुबह 6 से शाम 6 तक, 12 घंटों के लिए बुलाया गया था.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है और कहा है कि इन कानूनों के विरोध करने का तरीका 'सत्याग्रह' ही है. उन्हें उम्मीद है कि यह विरोध शांतिपूर्ण होगा,
अलग-अलग राज्यों में कैसा रहा असर?
पंजाब और हरियाणा
पंजाब और हरियाणा में 32 जगहों पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं. आंदोलन के चलते रेलवे ने 4 शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया है. उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा, "आंदोलनकारी किसान पंजाब और हरियाणा में 32 जगहों पर बैठे हैं और इससे दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर डिवीजन में रेल यातायात प्रभावित हुआ है. किसानों के आंदोलन के कारण 31 ट्रेनों को रोक दिया है और 4 शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है."
SKM द्वारा किए गए इस भारत बंद को विभिन्न किसान संगठन, ट्रेड यूनियन, छात्र समूह, वकील संघ, राजनीतिक दल और राज्य सरकारों के कई प्रतिनिधि समर्थन दे रहे हैं. पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली की सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग लेकर डेरा डाले हुए हैं.
उत्तर प्रदेश
यूपी में भारत बंद का कुछ असरदेखने को मिल रहा है. किसानों के भारत बंद को समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, BSP और आरएलडी का समर्थन मिला है. प्रयागराज में बंद के समर्थन में सपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोक दी है. भारत बंद को लेकर यूपी पुलिस प्रशासन सतर्क है. जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात की गई है.
गोरखपुर में पुलिस ने विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं को हिरासत में लिया है. विपक्षी दलों के नेता गोलघर में खुली दुकानें बंद करा रहे थे. मैनपुरी में सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया.
वाराणसी में भारत बंद का हल्का फुल्का असर दिखा. ड्रोन कैमरे से पुलिस प्रदर्शनकारियों पर निगरानी रखी जा रही है. जबरन दुकान बंद कराने वालों से पुलिस सख्ती से पेश आ रही है. हरदोई में किसान संगठनों ने हाइवे जाम किया. दूसरी ओर विरोध प्रदर्शन करने निकले कांग्रेसियों को पुलिस ने कार्यालय के बाहर से हिरासत में ले लिया.
ओडिशा
भारत बंद के चलते ओडिशा के कुछ हिस्सों में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राजधानी भुवनेश्वर समेत कई शहरों में सड़कों पर चक्काजाम किया और रेल यातायात रोका. उन्होंने सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों और बाजारों में भी धरना प्रदर्शन किए. ऑल इंडिया कृषक कोऑर्डिनेशन कमेटी के कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर में स्टेशन चौक पर विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान बस और ट्रक जैसे भारी वाहन सड़कों से नदारद रहे, लेकिन कटक और भुवनेश्वर समेत कई जगहों पर ऑटो-रिक्शा और कारें दिखाई दीं. साथ ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. बंद को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के निर्देश दिए.
भारत बंद का नहीं कोई असर: CAIT
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, कुछ किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किए जाने के बावजूद देश में सभी बाजार पूरी तरह से खुले हैं और अन्य दिनों की तरह ही देश भर में सामान्य कारोबार हो रहा है. CAIT ने बयान जारी कर कहा कि, भारत बंद का व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है. CAIT ने किसान संगठनों से आग्रह किया कि वो अपना 'अड़ियल रवैया छोड़कर सरकार के साथ बातचीत करते हुए अपनी समस्याओं का हल निकाले.'
CAIT देश भर के 8 करोड़ व्यापारियों और पूरे देश में 40 हजार से अधिक व्यापार संगठनों का शीर्ष एवं प्रतिनिधि संगठन है.
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