तीसरे और आखिरी फेज का क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर चुकी भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन कैंडिडेट Covaxin को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. अगस्त में हुए पहले फेज के ट्रायल के दौरान एक अप्रिय घटना घटी थी, जब एक मरीज को Covaxin की डोज दिए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. लेकिन इस बात की जानकारी सार्वजानिक नहीं की गई थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया और द इकनॉमिक्स टाइम्स ने इस घटना के बारे में 21 नवंबर को जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया कि अप्रिय घटना को कंपनी या रेगुलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन और इसके प्रमुख ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीजी सोमानी ने सार्वजानिक नहीं किया था.
कंपनी ने अपने बयान में कहा,
“अप्रिय घटना पहले फेज के क्लीनिकल ट्रायल्स के दौरान अगस्त 2020 में हुई थी और इसकी जानकारी पुष्टि के 24 घंटे के अंदर CDSCO-DCGI को दी गई थी. अप्रिय घटना की अच्छे से जांच हुई थी और पाया गया था कि ये वैक्सीन संबंधी नहीं थी.”
पहले फेज के दौरान क्या हुआ था?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रिय घटना 35 साल के व्यक्ति के साथ हुई थी, जिसमें कोई को-मोर्बिडिटी नहीं थी और वो पश्चिम भारत में पहले फेज के ट्रायल्स का हिस्सा था. वैक्सीन दिए जाने के कुछ दिन बाद व्यक्ति को वायरल न्यूमोनाइटिस की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक हफ्ते अस्पताल में रहने के बाद उसे डिस्चार्ज किया गया था.
भारत बायोटेक ने कहा कि व्यक्ति के इलाज का पूरा खर्चा उठाया गया था और व्यक्ति सुरक्षित है.
ऐसी ही अप्रिय घटना AstraZeneca और Johnson & Johnson के साथ भी हुई थी. दोनों ही कंपनियों ने इसके बाद तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल रोका था.
भारत बायोटेक का कहना है कि उसे अगले दो फेज के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत घटना की विस्तृत जांच पूरी होने के बाद मिली थी. कंपनी अभी हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आखिरी फेज का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है.
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