दिल्ली हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार 5 सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक गौतम नवलखा की नजरबंदी खत्म करने की इजाजत दे दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा की नजरबंदी खत्म करते हुए कहा कि उनकी हिरासत 24 घंटे को पार कर गई और इसकी इजाजत नहीं है.
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के ट्रांजिट रिमांड संबंधी फैसले को रद्द कर दिया, जिसे पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
बता दें, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में सभी कार्यकर्ताओं वरवर राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की नजरबंदी अगले चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी थी. ये सभी पिछले 29 अगस्त से अपने घरों में नजरबंद हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी जांच का आदेश देने से भी इनकार कर दिया.
भीमा कोरेगांव गिरफ्तारी केसः क्या है मामला
भीमा कोरेगांव हिंसा की साजिश रचने और नक्सलवादियों से संबंध रखने के आरोप में पुणे पुलिस ने बीती 28 अगस्त को देश के अलग-अलग हिस्सों से वामपंथी विचारक गौतम नवलखा, वारवारा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालवेस को गिरफ्तार किया था.
इसके बाद 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इन गिरफ्तारियों पर रोक लगा दी और अगली सुनवाई तक हिरासत में लिए गए सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को अपने ही घर में नजरबंद रखने के लिए कहा था.
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