क्या आपने सुना है कि रेप सर्वाइवर को ही अदालत हिरासत में लेने का आदेश दे दे? शायद ना सुना हो, लेकिन ऐसा हुआ है बिहार के अररिया में. अररिया जिले के सिविल कोर्ट के ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने एक 22 साल की कथिट गैंग रेप सर्वाइवर को अदालत की कार्रवाई बाधित करने के आरोप में जेल भेजा दिया. साथ ही रेप सर्वाइवर के साथ आए दो समाजिक कार्यकर्ताओं को भी इस आरोप के तहत 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
इस मामले में 350 से ज्यादा वकीलों ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर दखल देने की मांग की है. जिसके बाद पटना हाईकोर्ट में 16 जिलाई को सुनवाई हो रही है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पीड़िता का आरोप है कि 6 जुलाई को 5 लोगों ने उसका गैंग रेप किया, जिसके बाद 7 जुलाई को उसने अररिया महिला थाना में इसकी शिकायत की.
महिला की मदद कर रही समाजिक संगठन जन जागरण शक्ति से जुड़े लोगों ने बताया कि 6 जुलाई को एक 22 साल की महिला से गैंगरेप हुआ था. महिला ने संगठन के लोगों को इसके बारे में बताया. लेकिन वो इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद अपने घर जाना नहीं चाह रही थी, इसलिए वो संगठन की सदस्य कल्याणी के पास आ गई.
महिला ने अपनी शिकायत में बताया,
मोटरसाइकिल सिखाने के बहाने एक जानने वाले लड़के ने बुलाया था. जिसके बाद एक स्कूल के मैदान में आधे घंटे तक उसने बाइक चलाना सिखाया. मैंने उससे कहा कि देर हो गई है मुझे घर छोड़ आए, लेकिन वह घर ले जाने की जगह नहर के पास सुनसान सड़क पर ले आया. तब ही वहां तीन अज्ञात लोग बाइक से आए और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे, और मुझे बाइक पर जबरन बिठाकर एक सुनसान जगह ले आए. वहां एक और आदमी इन तीनों के साथ मिल गया और चारों ने मिलकर मेरे साथ बलात्कार किया.
महिला ने अपनी शिकायत में ये भी आरोप लगाया है कि बाइक सिखाने वाले शख्स के सामने उन लोगों ने उसके साथ जबरदस्ती की. लेकिन लाख गुहार लगाने के बाद भी उसने बचाया नहीं और बाइक से वहां से चला गया.
पीड़िता के बयान के मुताबिक, गैंगरेप के बाद रात 10.30 बजे उसे नहर के पास मछली बाजार के पास उन लोगों ने छोड़ दिया. जहां से पीड़िता ने कल्याणी को फोन किया. कल्याणी जन जागरण शक्ति संगठन की सदस्य हैं, और रेप सर्वाइवर उनके यहां काम करती है.
इन सबके बाद 7 और 8 जुलाई को महिला का मेडिकल चेकअप हुआ. जिसके बाद 10 जुलाई को धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए रेप सर्वाइवर को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में ले जाया गया. इस दौरान उनके साथ जन जागरण शक्ति संगठन की कल्याणी और तन्मय भी थे.
क्या हुआ कोर्ट में?
जन जागरण शक्ति संगठन के मुताबिक, "रेप सर्वाइवर एक ही सवाल का बार-बार जवाब और घंटों इंतजार की वजह से मानसिक तनाव में थीं, इसी दौरान ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, तो वो (रेप सर्वाइवर) परेशान हो गई. उन्होंने तनाव में आकर कहा कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है. आप क्या पढ़ रहे हैं, मेरी कल्याणी दीदी को बुलाइए. हालांकि ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने जांच अधिकारी को बुलाया और उनके समझाने के बाद रेप सर्वाइवर ने बयान पर साइन किया. लेकिन बाहर आने के बाद उन्होंने जेजेएसएस के सदस्य तन्मय निवेदिता और कल्याणी पर से ऊंची आवाज में पूछा कि 'तब आप लोग कहां थे, जब मुझे आपकी जरूरत थी."
जेजेएसएस ने एक प्रेस रिलीज जारी की है, जिसके मुताबिक, बाहर से आ रही आवाज के बीच ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने कल्याणी को अंदर बुलाया. कल्याणी ने रेप सर्वाइवर का बयान पढ़कर सुनाए जाने की मांग की. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को ये बात नागवार गुजरी. इन सबके बाद रेप सर्वाइवर, कल्याणी और तन्मय को हिरासत में लिया गया.
कोर्ट की कार्रवाई में बाधा डालने की वजह से रेप सर्वाइवर और दोनो समाजिक कार्यक्रता पर एफआईआर दर्ज की गई है. तीनों के खिलाफ कंटेप्ट ऑफ कोर्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बता दें कि इस मामले में अबतक एक ही आरोपित की गिरफ्तारी हुई है. बाकी आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. साथ ही महिला की मेडिकल रिपोर्ट भी अब तक नहीं आई है.
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