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जीतन राम मांझी का ब्राह्मण समुदाय पर विवादित बयान, आलोचना के बाद पलटे

HAM के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान का कहना है कि जीतन राम मांझी के बयान को काफी तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है

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बिहार(Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ब्राह्मणों पर विवादित बयान देकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. हांलाकि चारों तरफ से आलोचना होने के बाद मांझी अपने बयान से पलट गए.

मांझी ने सफाई में कहा कि उन्होंने "अपने ही समाज के लोगों के लिए विवादास्पद शब्द का इस्तेमाल किया था." लेकिन वीडियो में उनके शब्द कुछ और ही बयां कर रहे हैं. हालांकि मांझी ने यह नहीं बताया कि अपने समुदाय के लोगों के लिए भी ऐसे शब्दों का प्रयोग एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कैसे जायज है?

उनका यह बयान एक दलित सम्मेलन में संबोधन के दौरान सामने आया.कुछ दिन पहले भी मांझी ने शराब के सेवन को लेकर एक बयान दिया था जिसकी खूब आलोचना हुई.

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वीडियो में क्या कहते दिख रहे हैं मांझी?

वीडियो में मांझी के शब्द कुछ इस तरह हैं- "आज कल हमारे गरीब तबके में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का नाम हम नहीं जानते थे लेकिन 'साला' अब हम लोगों के हर टोला में उनकी पूजा हो रही है. पंडित 'हरामी' आते हैं और कहते हैं कि हम खाएंगे नहीं, हमको नगद ही दे दीजिए."

बयान के बाद पलटे मांझी 

विवादित बयान देने के बाद हो रही चौतरफा आलोचना का शिकार हुए जीतन राम मांझी अपने बयान से पलट गए. उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि "ब्राम्हण भाईयों को लेकर मेरे वीडियो के उतने ही अंश को वायरल किया जा रहा है, जिससे विवाद उत्पन्न हो, जिसे सत्यता जानने के लिए पूरा सुनने की आवश्यकता है. मेरे दिल में समाज के हर तबके के लिए उतनी ही इज्जत है जितना मैं अपने परिवार के लिए करता हूं."

बयान को गलत तरीके से पेश किया गया - HAM प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान

मांझी से पहले उनकी पार्टी "हम" के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने सफाई पेश की थी. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी के बयान को काफी तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि "सभी संप्रदाय और जातियों के प्रति उनकी (जीतन राम मांझी) आस्था है.सबकी वह इज्जत करते है. मांझी जी हमेशा सामाजित समानता की बातचीत करते है. दानिश ने कहा है कि मांझी के बयान को गलत तरीके से पेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे."

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कुछ दिन पहले भी जीतन राम माझी ने बिहार में शराब को लेकर एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था, "बिहार में कौन नहीं जानता कि नेता, अफसर और जज जैसे बडे लोग सब शराब पीते हैं. उन्हे तो कोई गिरफ्तार नहीं करता है, लेकिन गरीबों को 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी जेल भेज दिया जाता है." मांझी ने यह भी कहा कि दवा के रूप में थोड़ी-थोड़ी शराब लेना गलत नहीं है. उनके इस बयान की राजनैतिक पार्टियों ने कड़ी निंदा की थी.

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