सरकार लोगों को चेतावनी देती है अफवाहों पर ध्यान ना दें, पर गुरुवार को बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव अफवाह का शिकार बन गए. गुरुवार को बताया गया मतिहारी से दिल्ली आ रही बस दुर्घटनाग्रस्त होने से 27 यात्रियों की मौत हो गई. पर शुक्रवार को वही मंत्री जी कह रहे हैं कोई मौत नहीं हुई और बस में वैसे भी सिर्फ 13 सवारियां ही थीं.
गुरुवार को सभी चैनलों और अगले दिन अखबारों में ये दुखद घटना छाई रही. यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर हादसे पर दुख भी जता दिया और मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान भी कर दिया. बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने भी प्रेस नोट जारी कर दिया.
मतलब सब कुछ बिना जांच पड़ताल के हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट करके मौत का दुख जता दिया, मुआवजे का ऐलान भी कर दिया. सोचिए सरकार कैसे चल रही है कि मुख्यमंत्री तक बिना पड़ताल किए ऐलान कर देते हैं, 24 घंटे बाद पता चला कि दुर्घटना तो हुई ही नहीं.
मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रतिष्ठा की किसी को परवाह है या नहीं. शुक्रवार को आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव दोबारा कैमरे पर आए. लेकिन बयान बदल लिया..
कल हम लोकल लोगों के आधार पर बयान दिए थे. लेकिन हमने उस वक्त भी कहा था कि जो जिला पदाधिकारी की रिपोर्ट होगी उसके बाद ही कुछ कह सकते हैं. इतने लोगों के मरने की सूचना गलत थी. किसी की मौत नहीं हुई. 13 लोग मुजफ्फरपुर से चले थे, 8 लोग अस्पताल पहुंच गए, बाकी बचे 5 लोग. न ही उनकी लाश मिली. न ही किसी की हड्डी मिली है न ही किसी की खोपड़ी. हो सकता है बाकि लोग खुद से हादसे की जगह से चले गए होंगे. इसका मतलब है कि कोई मरा नहीं.दिनेश चंद्र यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री, बिहार
लापरवाही की अजब कहानी
मामला गुरुवार का है. जिसमें खबर आई कि बिहार के मोतिहारी जिले में गुरुवार को एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. एक यात्री बस के पलटने और आग लगने से करीब 27 लोगों की मौत की खबर आई. बस बिहार के मुजफ्फरपुर से दिल्ली आ रही थी. बस का संतुलन अचानक बिगड़ गया. बस के पलटने से उसमें आग लग गई और धू-धूकर जलने लगी.
बिना मरे मौत का शोक
यहां तक कि सीएम नीतीश कुमार ने हादसे को लेकर बयान भी जारी किया, जिसमें मरने वालों के लिए दुख तक जाहिर कर दिया था. सीएम ने कहा था,
मोतिहारी में मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही बस दुर्घटना में लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद. दुर्घटना में मृत बिहार के लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाएगी तथा घायलों के समुचित इलाज का निर्देश दिया गया.
बस में अाग लगी ये सच है लेकिन प्रशासन या पुलिस ने मंत्री से मुख्यमंत्री तक किसी को नहीं बताया कि बस में कितने लोग थे, कितने हॉस्पिटल में हैं.
मंत्री जी को 24 घंटे बाद पता चला कि बस में 13 लोग ही सवार थे, जिसमें 8 का ही पता चल पाया. क्योंकि मंत्रीजी खुद कह रहे हैं कि 5 तो मिले ही नहीं.
मतलब सरकार कैसे चलती है इसका अंदाज लगाइए.
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