केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 35 साल के कॉन्सटेबल राकेश्वर सिंह मनहास बीजापुर में हुए नक्सली हमके के बाद से लापता है. सुरक्षा बलों के भारी खोजी अभियान के बावजूद अब तक इस जवान का पता नहीं चल सकता है. न्यूज एजेंसी ANI ने CRPF सूत्रों के हवाले से बताया है कि चूंकि जवान अब तक लापता है इसलिए इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि नक्सलियों ने उसे बंधन बनाया हो.
अब तक नक्सलियों ने नहीं रखी कोई मांग
इंडिया टुडे ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हो सकता है कि केंद्रीय बल के जवान को CPI-माओवादी के काडर ने बंदी बना लिया हो. लेकिन जानकारी के मुताबिक अब तक CRPF और नक्सलियों के बीच समझौते के लिए बातचीत शुरू नहीं हो सकी है. सूत्रों के मुताबिक अब तक माओवादियों ने जवान को वापस करने के बदले में कोई मांग नहीं रखी है.
अनवेरिफाइड नंबर से आया कॉल
लंबे वक्त से जवान लापता होने की वजह से ऐसा माना जा रहा है कि जवान को माओवादियों ने बंदी बना लिया होगा. इस बात पर शक को इसलिए हवा मिल रही है क्यों कि एक स्थानीय पत्रकार को अनवेरिफाइड कॉल आया जिसमें दावा किया गया कि जवान नक्सलियों की कैद में है.
रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय पत्रकार का दावा है कि उसे अनवेरिफाइड नंबर से कॉल आया. 'जिस व्यक्ति ने मुझे कॉल किया उसने दावा किया कि वो पीपल्स लिबरेशन गुर्रिला आर्मी का कमांडर हिडमा बोल रहा है. कमांडर ने कहा कि जवान सुरक्षित है लेकिन माओवादियों की कैद में है.'
जवान के परिवार से मिलने पहुंचे अधिकारी
इसी बीच सीआरपीएफ ने जवान राकेश्वर सिंह के परिवार से मिलने के लिए अधिकारियों को जम्मू भेजा है. अधिकारियों ने परिवार से कहा है कि वो स्थानीय पत्रकारों के दावों की जांच करने की कोशिश कर रहे हैं.
जवान की पत्नी की पीएम मोदी से अपील
जवान की पत्नी मीनू मनहास ने पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से अपील की है कि वो उनके पति की सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करें. जवान की पत्नी का कहना है कि 'जिस तरह से अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान से लाया गया था, वैसे ही मेरे पति को भी वापस लाया जाए.'
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